मुंबई। भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कोंकण और पश्चिम महाराष्ट्र के बाढ प्रभावितों के लिए राज्य सरकार द्वारा घोषित 11500 करोड़ के राहत पैकेज को धोखा बताया है। मुनगंटीवार ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि गठबंधन सरकार ने कोंकण और पश्चिमी महाराष्ट्र में बाढ़ राहत के लिए 11,500 करोड़ रुपये की घोषणा की है। वास्तव में 7,000 करोड़ रुपये दीर्घकालिक उपायों के लिए हैं और 3,000 करोड़ रुपये पुनर्निर्माण और पुनर्वास के लिए हैं। 7,000 करोड़ रुपये की सहायता सपनों के महल का निर्माण जैसा है। इसका मतलब है कि बाढ़ और बाढ़ पीड़ितों के लिए सिर्फ 1,500 करोड़ रुपये ही मुहैया कराए गए हैं। इस 1,500 करोड़ रुपये की मदद से बाढ़ और भारी बारिश से प्रभावित लोगों को कुछ खास फायदा नहीं होगा।
पूर्व वित्त मंत्री मुनगंटीवार ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार ने 31 अगस्त, 2019 को बाढ़ पीड़ितों के लिए एक सरकारी आदेश (जीआर) जारी किया, उसमें बी कटौती कर दी गई है। हमारी सरकार ने शहरी इलाकों में 36 हजार रुपये और ग्रामीण इलाकों में 24 हजार रुपये उन लोगों को मुहैया कराए थे जिनके घर बाढ़ और भारी बारिश के कारण रहने लायक नहीं रह गए थे। उन लोगों को एकमुश्त किराए के रूप में भुगतान किया गया था, जिनके घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए थे। साथ ही प्रधानमंत्री आवास, शबरी, रमई, आदिम जैसी योजनाओं के तहत मकान बनाए गए थे। ठाकरे सरकार ने पीड़ितों को आवास उपलब्ध नहीं कराया है और उन लोगों को पर्याप्त सहायता नहीं दी है जिनके घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। सरकार ने किसानों को हमारी सरकार द्वारा दी गई सहायता से कम सहायता दी है। हमारी सरकार ने बाढ़ पीड़ितों को घर बनाने के लिए 5 ब्रास मोरंग और 5 ब्रास बालू भी मुफ्त प्रदान दिया था। भाजपा नेता ने कहा कि गठबंधन सरकार को इस तरह से बाढ़ और बाढ़ पीड़ितों का मजाक नहीं बनाना चाहिए।