नई दिल्ली। नई दिल्ली। पीएम मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक को संबोधित किया। इस बैठक में समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा: अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता विषय पर ओपन परिचर्चा हुई। जिसकी अध्यक्षता पीएम मोदी ने की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि समुद्र हमारी साझा धरोहर है। हमारे समुद्री रास्ते इंटरनेशनल ट्रे़ड की लाइफ लाइन है। लेकिन इसको लेकर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस परिचर्चा में यूएनएसी के सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों और वहां की सरकारों के भी शामिल हुए। बता दें कि किसी भारतीय प्रधानमंत्री के लिए सुरक्षा परिषद की किसी बैठक की अध्यक्षता करने का यह पहला मौका था।
आतंकी घटनाओं के लिए समुद्र का हो रहा इस्तेमाल: आज आतंकी घटना और समुद्री लुटेरों के लिए समंदर के रास्तों का इस्तेमाल हो रहा है, इसलिए हम इस विषय को सुरक्षा परिषद के पास लेकर आए हैं। समुद्री विवाद का समाधान शांतिपूर्ण और अंतरराष्ट्रीय क़ानून के आधार पर होना चाहिए। हमें समुद्र से उत्पन्न प्राकृतिक आपदाओं से उत्पन्न चुनौतियां का मिलकर सामना करना चाहिए। इस विषय पर क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने पर भारत ने कई कदम उठाए हैं।
समुद्री सुरक्षा के लिए 5 मूलभूत सिद्धांत: 1- बिना किसी सीमा के समुद्री व्यापार की छूट, ताकि वैध व्यापार को बढ़ाना मिले, 2- समुद्री विवादों को शांतिपूर्ण ढंग से अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक हल किया जाए। 3- जिम्मेदार समुद्री संपर्क को बढ़ावा दिया जाए। 4- समुद्री मार्ग में गैर-सरकारी संगठनोंं से जुड़े खतरों और आपदाओं से मिलकर मुकाबला किया जाए। 5- समुद्री पर्यावरण और संपदा का संरक्षण किया जाए। हम चाहते हैं कि हमारे क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा पर एक समग्रतापूर्ण फ्रेमवर्क बनाया जाए, जो हमारे सागर (SAGAR – Security and groeth for all in the region) विजन पर आधारित हो। ये विजन सभी को एक सुरक्षित और स्थायी समुद्री इलाका मुहैया कराता है।