मुंबई। मुंबई जैसे बड़े महानगरों में अब खुले मैदान दूभर हो गए हैं। केवल नाम मात्र के ही बचे हैं ऐसे मैदान। इन्हीं में कुर्ला के गांधी मैदान का भी शुमार है। लेकिन आसपास बढ़ते अतिक्रमण का असर अब उस पर भी होने लगा है, जिससे स्थानीय लोगों की परेशानी में इजाफा हो गया है। इस स्थिति में अब वे प्रखर आंदोलन पर उतारू हो रहे हैं। कुर्ला का यह गांधीनगर मैदान खेल-प्रेमियों के लिए उम्मीदों का केंद्र है, जहां नवोदित खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा निखारने के लिए अभ्यास करने की सुविधा हासिल होती है।
बरसों से जारी है संघर्ष: कुर्ला के गांधी मैदान के लिए स्थानीय लोग पिछले कई सालों से संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन उनकी लड़ाई को अब तक कोई ठोस कामयाबी मिली नहीं दिख रही, इसीलिए गांधी मैदान को अतिक्रमण-मुक्त कराने के लिए नागरिकों ने हाल ही में यहां धरना-प्रदर्शन किया था, जिसमें में क्षेत्र के विविध क्रीड़ा संगठनों, खेल-प्रेमियों समेत बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों तथा युवा व बुजुर्गों ने भी हिस्सा लिया था। दरअसल, इस मैदान को खासा मरम्मत की आवश्यकता है, क्योंकि वह जर्जर हो गया होने से बेहद दयनीय हालत में हैं।
…ताकि न हो शक्ति मिल जैसा कोई कांड: आंदोलनकारियों की प्रमुख मांगों में इस मैदान की सुरक्षा दीवार खड़ी करने, ताकि शक्ति मिल जैसी किसी भी अप्रिय घटना की पुनरावृत्ति न ही, जर्जर हो चुके मंच की मरम्मत किए जाने और मैदान में सीसीटीवी लगाने आदि का समावेश है। साथ ही, स्थानीय निवासियों की यह इच्छा भी है कि मनपा इस मैदान को विकसित करे।
कलेक्टर ऑफिस करे मनपा को ट्रांसफर: फिलहाल, इस मैदान की पत्थर से बनी बाड़ टूटी अवस्था में है। साथ ही इस जगह पर निजी दरवाजे भी लगा दिए गए हैं, इससे यहां की सुरक्षा बाधित हुई है। साथ ही, दिन-ब-दिन यहां लगातार हो रहे अतिक्रमण से स्थानीय लोग आक्रोशित हैं। उन्होंने इन सारी समस्याओं को लेकर अब बेमियादी भूख हड़ताल किए जाने की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि अब तक जिलाधिकारी कार्यालय के अधीनस्थ इस मैदान को अब मनपा को सौंपा जाना चाहिए, ताकि उसकी समुचित मरम्मत व विकास किया जा सके।