नई दिल्ली। केंद्र सरकार असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए बहुत बड़ा कदम उठा रही है। 26 अगस्त को केंद्र सरकार ई-श्रम (e-Shram) पोर्टल लांच करेगी। बुधवार को इसका लोगो लांच किया गया। इस पोर्टल को सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने इस पोर्टल की सराहना और स्वागत किया है। सभी यूनियनों ने इसको लागू करने के लिए समर्थन दिया है।
देश में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की बड़ी तादाद को देखते हुए सरकार का यह कदम बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। देश में अभी तक असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का कोई डेटाबेस या सटीक आंकड़ा नहीं है। इससे श्रमिकों तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पा रहा है। इस कमी को दूर करने के लिए ई-श्रम पोर्टल शुरू किया जा रहा है जहां श्रमिकों की पूरी जानकारी दर्ज होगी।
आंकड़ों के मुताबिक अभी देश में लगभग 43.7 करोड़ असंगठित श्रमिक हैं। सरकार का कहना है कि इस पहल (ई श्रम पोर्टल की शुरुआत) का फायदा और सरकारी योजनाओं का लाभ सभी असंगठित श्रमिकों को मिल सकेगा। ई -श्रम पोर्टल की मदद से श्रमिकों के आंकड़े और जानकारी जुटाई जाएगी। फिर उसी आधार पर सरकार श्रमिकों के लिए योजनाएं और नियम बनाएगी। सरकार सुनिश्चित करेगी कि योजनाओं का लाभ असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों तक पहुंचे। सरकार की तरफ से देश के सभी श्रमिकों के लिए पहचान पत्र और आधार कार्ड की तर्ज पर उनके काम के आधार पर श्रेणियों में बांटा जाएगा। इसी आधार पर सरकार श्रमिकों का रिकॉर्ड तैयार करेगी। सरकार की तैयारी ई-श्रम पोर्टल पर लगभग 38 करोड़ श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन करना है।
ई -श्रम पोर्टल शुरू होने के बाद असंगठित क्षेत्र के श्रमिक उसी दिन से अपना रजिस्ट्रेशन शुरू कर सकते हैं। अपनी पूरी जानकारी देने के बाद खुद को ई श्रम पोर्टल से जोड़ सकते हैं। इसके लिए श्रमिक को जन्म तिथि, होम टाउन, मोबाइल नंबर और सामाजिक श्रेणी जैसी जरूरी जानकारी देनी होगी। इसके अलावा आधार कार्ड का नंबर और बैंक खाते की डिटेल दर्ज करनी होगी। ये सभी जानकारी देने के बाद श्रमिक अपने को रजिस्टर कर सकते हैं। ये सभी जानकारी देने के बाद श्रमिकों को एक ई श्रम कार्ड जारी किया जाएगा जिसमें उन्हें 12 नंबर का एक विशिष्ट कोड दिया जाएगा। इसी कोड से उस श्रमिक की पहचान होगी। इसी कोड के आधार पर श्रमिक को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। इस पोर्टल के माध्यम से सरकार 38 करोड़ असंगठित क्षेत्र के मजदूर जैसे निर्माण मजदूर, प्रवासी श्रमिक, रेहड़ी-पटरी पर काम करने वाले और घरेलू श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन करना है।
आंकड़ों के मुताबिक अभी देश में लगभग 43.7 करोड़ असंगठित श्रमिक हैं। सरकार का कहना है कि इस पहल (ई श्रम पोर्टल की शुरुआत) का फायदा और सरकारी योजनाओं का लाभ सभी असंगठित श्रमिकों को मिल सकेगा। ई -श्रम पोर्टल की मदद से श्रमिकों के आंकड़े और जानकारी जुटाई जाएगी। फिर उसी आधार पर सरकार श्रमिकों के लिए योजनाएं और नियम बनाएगी। सरकार सुनिश्चित करेगी कि योजनाओं का लाभ असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों तक पहुंचे। सरकार की तरफ से देश के सभी श्रमिकों के लिए पहचान पत्र और आधार कार्ड की तर्ज पर उनके काम के आधार पर श्रेणियों में बांटा जाएगा। इसी आधार पर सरकार श्रमिकों का रिकॉर्ड तैयार करेगी। सरकार की तैयारी ई-श्रम पोर्टल पर लगभग 38 करोड़ श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन करना है।
ई -श्रम पोर्टल शुरू होने के बाद असंगठित क्षेत्र के श्रमिक उसी दिन से अपना रजिस्ट्रेशन शुरू कर सकते हैं। अपनी पूरी जानकारी देने के बाद खुद को ई श्रम पोर्टल से जोड़ सकते हैं। इसके लिए श्रमिक को जन्म तिथि, होम टाउन, मोबाइल नंबर और सामाजिक श्रेणी जैसी जरूरी जानकारी देनी होगी। इसके अलावा आधार कार्ड का नंबर और बैंक खाते की डिटेल दर्ज करनी होगी। ये सभी जानकारी देने के बाद श्रमिक अपने को रजिस्टर कर सकते हैं। ये सभी जानकारी देने के बाद श्रमिकों को एक ई श्रम कार्ड जारी किया जाएगा जिसमें उन्हें 12 नंबर का एक विशिष्ट कोड दिया जाएगा। इसी कोड से उस श्रमिक की पहचान होगी। इसी कोड के आधार पर श्रमिक को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। इस पोर्टल के माध्यम से सरकार 38 करोड़ असंगठित क्षेत्र के मजदूर जैसे निर्माण मजदूर, प्रवासी श्रमिक, रेहड़ी-पटरी पर काम करने वाले और घरेलू श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन करना है।