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Sunday, November 24, 2024
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पाबंदी होने के बावजूद क्यों बढ़ रही है बेस्ट बसों में स्टैंडिंग पैसेंजर्स की तादाद, जानें वजह

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मुंबई।  राज्य सरकार से कोरोना मरीजों की संख्या पर काबू पाने के बाद पाबंदियों में मिली ढील के उपरांत कमोबेश सारे उद्योग-धंधे, दफ्तर, बाजार, व्यापारिक प्रतिष्ठान फिर से पटरी पर आने को चल पड़े हैं। अब चूँकि मुंबई की लाइफलाइन मानी जाने वाली लोकल ट्रेन में सफर के लिए वैक्सीन के 2 डोज लिया होना अनिवार्य है, इसलिए अब बेस्ट की बसों से यात्रा करने वालों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है।

बस हैं सबसे अच्छा ऑप्शन:  बड़ी तादाद में कामकाज के सिलसिले में रोजाना आवाजाही करने वाले यात्रियों के लिए बस सबसे अच्छा  विकल्प बना हुआ है, क्योंकि केवल वही लोग, जिन्होंने टीके की दो खुराकें ली हैं, उन्हें ट्रेन से यात्रा करने की अनुमति है। नतीजतन, बेस्ट के जरिए यात्रा करने वालों में खड़े यात्रियों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई है, जिसे कोरोनारोधी नियमों के अंतर्गत प्रतिबंधित किया गया है।
जून से बढ़ा यह सब: जून माह में सरकारी और निजी कार्यालयों में उपस्थिति को 50 % तक बढ़ाया गया था। हालांकि, इन आम यात्रियों को ट्रेन से यात्रा करने की अनुमति नहीं थी। बेस्ट में भी 50 % यात्रियों को अनुमति दी गई थी। लेकिन यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बाद में बेस्ट को पूरी क्षमता से  यात्रियों को  ले जाने की अनुमति दे दी गई थी। 7 जून को रिकॉर्ड 18 लाख 13 हजार लोगों ने बेस्ट बसों के जरिए यात्रा की थी। बेस्ट में खड़े होकर यात्रा की अनुमति नहीं है, जिससे यात्रियों को परेशानी जरूर झेलनी पड़ी।
बेस्ट में रोजाना 24 लाख 77 हजार यात्री: अगस्त माह में प्रतिबंधों में और ढील दी गई, जिसमें केवल उन लोगों को ही ट्रेन से यात्रा करने की अनुमति मिली, जिन्होंने टीके की दो खुराकें ली हैं, बड़ी तादाद में यात्री परेशान हैं। फिर भी, पास की मजबूरी के कारण काम के लिए जिनकी बाहर आवाजाही कम हैं, उन्होंने बेस्ट बस का विकल्प चुना। दो खुराक लेने वालों की संख्या भी कम है, क्योंकि टीकाकरण घट रहा है। नतीजतन, बेस्ट में भीड़ हो रही है और लोग खड़े होकर यात्रा करने के लिए मजबूर हैं। फिलहाल बेस्ट बसों के जरिए रोजाना 24 लाख 77 हजार यात्री सफर कर रहे हैं और पिछले दो महीने में यात्रियों की संख्या में 6 लाख 64 हजार का इजाफा हुआ है।
कंडक्टर से चख-चख जारी: घाटकोपर बस डिपो के अविनाश वाके नामक कंडक्टर ने बताया कि भीड़भाड़ के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग रह नहीं पाती और ज्यादातर लोगों के पास बस से यात्रा करने के सिवा कोई चारा भी नहीं है, क्योंकि सुबह और शाम के व्यस्त समय में कोई अन्य विकल्प भी नहीं हुआ करता है। बस कंडक्टर बारंबार यह नियम याद दिलाता रहता है कि स्टैंडिंग यात्रा की अनुमति नहीं है, लेकिन मजबूरी में भीड़ के समय यात्री इस हिदायत को दरकिनार कर देते हैं। इससे प्रायः कंडक्टर और यात्रियों के बीच विवाद होते देखे जा रहे हैं। नतीजतन, बस में स्टैंडिंग पैसेंजर्स की भीड़ बेतहाशा बढ़ रही है।
ऐसा न करने की है सख्त हिदायत: बेस्ट के महाप्रबंधक लोकेश चंद्र के मुताबिक, बेस्ट की बसों में खड़े होकर यात्रा की अनुमति नहीं है और ऐसा न करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।  लेकिन भीड़भाड़ बढ़ने के कारण यात्रियों के पास कोई विकल्प भी नहीं है। बेस्ट का उद्देश्य यात्रा को आरामदायक बनाने और भीड़भाड़ को कम करने की है।

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