अहमदाबाद। गुजरात में सीएम पद से विजय रूपाणी के इस्तीफा देने के बाद आज यानी सोमवार को भूपेंद्र पटेल 2.20 बजे सीएम पद की शपथ लेंगे। पटेल पीएम मोदी की तरह ही सीएम बनने से पहले मंत्री नहीं रहे हैं। वे मृदु भाषी है और अपने समर्थकों में दादा के नाम से मशहूर हैं। बताया जा रहा है कि इस समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल होंगे।
मैं बिल्कुल नाराज़ नहीं: गुजरात के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता नितिन पटेल ने कहा कि, भूपेंद्र पटेल मेरे पुराने पारिवारिक मित्र हैं। मैंने उन्हें बधाई दी। उन्हें सीएम के रूप में शपथ लेते देखकर हमें खुशी होगी। जरूरत पड़ने पर उन्होंने मेरा मार्गदर्शन भी मांगा है। वहीं उन्होंने सीएम न बनाए जाने की नाराजगी के सवाल पर कहा, नए मुख्यमंत्री नहीं चुने जाने पर मैं बिल्कुल नाराज़ नहीं हूं। मैं 18 साल से जनसंघ से लेकर आज तक बीजेपी का कार्यकर्ता हूं और रहूंगा। कोई जगह मिले या नहीं, वो बड़ी बात नहीं है लोगों का प्रेम और सम्मान मिले वही बड़ी बात है। राज्य के मनोनीत मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अहमदाबाद में उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता नितिन पटेल से मुलाकात की। भूपेंद्र पटेल आज दोपहर में गुजरात के 17वें मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
केवल पटेल शपथ लेंगे: पहली बार के विधायक भूपेंद्र पटेल को रविवार को यहां सर्वसम्मति से बीजेपी विधायक दल का नेता चुन लिया गया। बीजेपी के सूत्रों ने कहा कि उन्हें सोमवार अपराह्न 2:20 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। सूत्रों ने बताया कि सोमवार के शपथ ग्रहण समारोह में केवल पटेल शपथ लेंगे और बाकी मंत्रियों को बाद में शपथ दिलाई जाएगी। शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले विजय रूपाणी ने विधायक दल की बैठक में पटेल को नेता चुनने के लिए प्रस्ताव रखा गया, जिसके बाद भूपेंद्र पटेल के नाम का ऐलान हुआ।
कौन हैं भूपेंद्र पटेल: भूपेंद्र पटेल इससे पहले राज्य सरकार में मंत्री भी नहीं रहे, जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 साल पहले गुजरात का मुख्यमंत्री बनने से पहले कभी मंत्री नहीं रहे थे। मोदी को सात अक्टूबर, 2001 मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई थी और वह राजकोट विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल कर 24 फरवरी, 2002 को विधायक चुने गये थे। बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि 182 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के 112 विधायकों में से बैठक में उपस्थित थे। पटेल 2017 के विधानसभा चुनाव में राज्य की घाटलोडिया सीट से पहली बार चुनाव लड़े थे और जीते थे। उन्होंने कांग्रेस के शशिकांत पटेल को एक लाख से अधिक वोटों से हराया था, जो उस चुनाव में जीत का सबसे बड़ा अंतर था।
दादा के नाम से पुकारे जाते हैं: सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा रखने वाले पटेल पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के करीबी माने जाते हैं। आनंदीबेन 2012 में इसी सीट से चुनाव जीती थीं। अपने समर्थकों के बीच ‘दादा’ के नाम से पुकारे जाते हैं। वह जिस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, वो गांधीनगर लोकसभा सीट का हिस्सा है, जहां से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सांसद हैं। एक राजनीतिक विश्लेषक के अनुसार राजनीतिक हलकों में मुख्यमंत्री के लिए जिन नामों की अटकलें चल रही थी, उनमें कहीं भी एक बार के विधायक भूपेंद्र पटेल का नाम नहीं था। पटेल को मृदुभाषी कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने नगरपालिका स्तर के नेता से लेकर प्रदेश की राजनीति में शीर्ष पद तक का सफर तय किया है।