कोलकाता। वेस्ट बंगाल में एक कलाकार ने अपने फेसबुक पर एक महिला की तस्वीर पोस्ट की। इस तस्वीर में महिला को हिजाब और नकाब में दिखाया गया था। इतना ही नहीं तस्वीर में ‘मां आश्चेन’ लिखा था। जिस पर विवाद हो गया। विवाद के बाद तस्वीर को कलाकार ने डिलीट कर दिया।
बता दें बांग्ला में लिखे ‘मां आश्चेन’ का अर्थ है कि देवी दुर्गा अपने मायके घर वापसी कर रही हैं। इसका उपयोग बंगाली दुर्गा पूजा के दौरान करते हैं और यह मां दुर्गा के आह्वान के प्रतीक के रूप में इसे माना जाता है। कलाकार सनातन डिंडा द्वारा पोस्ट की गई तस्वीर में ‘हिजाब’ में देवी के चित्रण पर विवाद खड़ा गया है।
“Maa Durga in hijab”
By artist Sanatan Dinda. He knows he can get away with it because many intellectual Bengalis are going gaga over it.
-Keya Ghosh,@keyakahe
बीजेपी महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष केया घोष ने लिखा, “हिजाब में मां दुर्गा… कलाकार सनातन डिंडा द्वारा, “हिजाब में मां दुर्गा”। वह जानते हैं कि वह इससे बच सकते है, क्योंकि कई बुद्धिजीवी बंगाली इस पर पागल हो रहे हैं। दूसरी ओर, अन्य ने भी इसकी आलोचना की है। एक अन्य ट्विटर यूजर ने लिखा, “उन्होंने पश्चिम बंगाल का भविष्य खींचा है और कुछ नहीं। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी धर्मों की महिलाओं को अंततः हिजाब पहनने के लिए मजबूर किया जाएगा, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो।”
कलाकार सनातन डिंडा ने बुधवार को फेसबुक पोस्ट के माध्यम से जानकारी दी है कि वह विवादित पोस्ट को डिलीट कर रहे हैं। उनकी तस्वीर से यदि किसी को आघात लगा है, तो वह क्षमा मांगते हैं। बता दें कि अक्टूबर 2019 में, कोलकाता के बेलियाघाटा 33 पल्ली क्षेत्र में एक दुर्गा पूजा पंडाल में अज़ान का एक वीडियो रिकार्डिंग चलाई गई थी, जिसके बाद सोशल मीडिया पर नाराजगी जताई गई थी। इसे “तुष्टिकरण” और “धर्मनिरपेक्षता दिखाने की हताशा” करार दिया गया था। एक स्थानीय वकील ने शिकायत दर्ज की और पूजा पंडाल के क्लब सचिव और स्थानीय टीएमसी नेता परेश पॉल सहित दस लोगों को नामजद किया गया था।
कथित तौर पर, परेश पॉल इस पूजा के मुख्य आयोजक थे। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता परेश पॉल समेत 10 लोगों ने पूजा के दौरान अजान का वीडियो चलाकर जानबूझकर ”राज्य की शांति भंग” करने की कोशिश की है।