रांची। झारखंड के CM हेमंत सोरेन की ओर से भोजपुरी और मगही भाषा पर दिए गए बयान से उठा सियासी तूफान शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। उन्होंने कहा था कि भोजपुरी और मगही से झारखंड का ‘बिहारीकरण’ नहीं होने दिया जाएगा। भाजपा ने पूछा है कि क्या राज्य सरकार उर्दू को बढ़ावा देकर राज्य का ‘इस्लामीकरण’ करने की तैयारी कर रही है। कभी झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए कक्ष आवंटित किया जाता है, तो कभी हिंदी और संस्कृत को हटाकर उर्दू को द्वितीय भाषा का दर्जा दे दिया जाता है। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रघुबर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर हमला बोला है।‘मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि भोजपुरी-मगही से झारखंड का बिहारीकरण हो रहा है,तो क्या उर्दू से झारखंड के इस्लामीकरण की तैयारी है?
पांच लाख नौकरी देने का वादा करके सत्ता में आई हेमंत सरकार ध्यान भटकाने की कला में पारंगत है। गौरतलब है कि हेमंत सोरेन ने कहा था कि भोजपुरी और मगही भाषाओं को बोलने वाले डोमिनेटिंग लोग हैं,भोजपुरी और मगही बिहार की भाषा है, झारखंड की नहीं। झारखंड का बिहारीकरण क्यों किया जाए? महिलाओं की इज्जत लूटकर भोजपुरी भाषा में गाली दी जाती है, आदिवासी और क्षेत्रीय भाषाओं के दम पर जंग लड़ी गई थी, भोजपुरी और मगही भाषा की बदौलत नहीं. झारखंड आंदोलन क्षेत्रीय भाषा के दम पर लड़ी गई थी। BJP का आरोप है कि राज्य सरकार हिंदू विरोधी निर्णय ले रही है. पार्टी ने हेमंत सोरेन पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया है. झारखंड बीजेपी के अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि सरकार के इशारे पर झारखंड विधानसभा अध्यक्ष ने यह अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक निर्णय लिया है।