29 C
Mumbai
Friday, November 15, 2024
होमदेश दुनियाबाल विवाह रजिस्ट्रेशन: कटारिया का हमला कहा- जैसे मान्यता दे रही गहलोत...

बाल विवाह रजिस्ट्रेशन: कटारिया का हमला कहा- जैसे मान्यता दे रही गहलोत सरकार?

Google News Follow

Related

जयपुर। राजस्थान का अनिवार्य विवाह पंजीकरण संशोधन बिल ‘ के पास होने पर बीजेपी नेता गुलाब कटारिया ने गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोला।  उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि  सरकार बाल विवाह को मान्यता दे रही है। बता दें कि नए कानून के तहत बाल विवाह के रजिस्टर्ड कराने का भी प्रावधान रखा गया है। राजस्थान में शुक्रवार को विपक्ष के भारी विरोध के बीच ‘राजस्थान का अनिवार्य विवाह पंजीकरण संशोधन बिल ‘पारित हो गया। इस बिल के पास होने पर अब राज्य में बाल विवाह के पंजीकरण की अनुमति मिल गई।

इस कानून के तहत बाल विवाह करने वालों को 30 दिन में अपना विवाह रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इस विधेयक को लेकर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। बीजेपी ने विधानसभा में इस विधेयक पर मत विभाजन की मांग की और जब सरकार ने इसे नहीं मानी तो वे सदन से वॉकआउट कर गए। कानून पर सदन में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चन्द कटारिया ने कहा, “विवाह का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन हो इसमें किसी को ऐतराज नहीं, हाईकोर्ट के निर्णय का सभी सम्मान करते हैं। कोर्ट ने कभी नहीं कहा कि माइनर रजिस्ट्रेशन कराएं। हमारे यहां कानून है कि 21 साल का लड़का और 18 साल की लड़की की शादी मान्य है।
इससे कम उम्र की शादी गैरकानूनी है। हम यह कह रहे हैं कि 21 साल के लड़का और 18 साल के लड़की से पहले अगर कोई पैरेंट किसी की शादी कराता है तो वो गैरकानूनी है। उस रजिस्ट्रेशन से उसके माता पिता लिख कर दे देंगे। वो गैरकानूनी रजिस्ट्रेशन है, लेकिन मंत्रीजी ने उसको समझने की कोशिश नहीं की और कल ऐसा कानून पास कर दिया, जो अपने आप में कानून का विरोधी है। बीजेपी ने इसलिए बॉयकाट किया है।”
क्या है विधेयक में?: राजस्थान का अनिवार्य विवाह पंजीकरण संशोधन विधेयक कम उम्र के जोड़ों के माता-पिता को उनकी शादी का पंजीकरण कराने का अधिकार देता है। दंपति के माता-पिता निर्धारित प्रारूप में एक ज्ञापन सौंपकर पंजीकरण अधिकारी को सूचित करेंगे। इसके आधार पर निबंधन अधिकारी उस बाल विवाह का पंजीकरण करेगा। विवाह पंजीयन अधिकारी प्रखंड स्तर तक पंजीयन कराएंगे।
गहलोत सरकार के दावे: दी के समय लड़की की उम्र 18 साल से कम और लड़के की उम्र 21 साल से कम है, तो माता-पिता को 30 दिनों के भीतर पंजीकरण अधिकारी को सूचित करना होगा। जानकारी के आधार पर संबंधित प्राधिकारी द्वारा पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। विधानसभा में मुख्य विपक्ष भाजपा ने सवाल उठाते हुए पूछा, “पंजीकरण की क्या आवश्यकता है और बिल का उद्देश्य क्या है, जब बाल विवाह अवैध रहेगा।” इस पर, अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने इस दावे के साथ जवाब दिया है कि प्रस्तावित कानून विवाह के पंजीकरण की अनुमति देता है, लेकिन कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि ऐसी शादियां अंततः वैध हो जाएंगी। संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा, “यदि यह वास्तव में एक बाल विवाह है, तो विशेष जिले के कलेक्टर और संबंधित अधिकारी परिवारों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने में सक्षम होंगे।”

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,313फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
190,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें