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Friday, September 20, 2024
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मोदी सरकार का बड़ा फैसला, अब सिम्स रोकेगा नशीले पदार्थों की तस्करी

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नई दिल्ली। मोदी सरकार आतंकवाद से निपटने के लिए बनाये गए मल्टी जेन्सी सेंटर के बाद अब मादक पदार्थों को भी लेकर ऐसा ही एक सेन्टर बनाया है। मादक पदार्थों के खिलाफ कड़ा  रुख अख्तियार करते हुए सीमा पर बढ़ रहे मादक पदार्थों की तस्करी की रोकथाम के लिए गृह मंत्रालय ड्रग्स तस्करी से निपटने के लिए नार्को कोआर्डिनेशन सेंटर( एनकोर्ड) बनाया है। इसके अलावा ड्रग्स की उच्च स्तरीय निगरानी के लिए सिम्स (यानी सीजर इन्फॉर्मेशन मैनेजमेंट  सिस्टम ) वहीं दूसरे देशों में फैले तस्करों के रैकेट के खिलाफ कडी कार्रवाई के लिए 26 देशों से समझौता किया गया है। बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान राज होने के बाद सीमाओं पर मादक पदार्थो की तस्करी बढ़ गई है। मालूम हो कि हाल में अडानी पोर्ट के अलावा कश्मीर की सीमाओं पर ड्रग्स की बड़ी खेप बरामद हुई है। जिसको लेकर मोदी सरकार चौकन्ना हो गई है।

गृह मंत्रालय से जुड़े एक सूत्र के मुताबिक एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल और निगरानी प्रणाली ड्रग्स तस्करी का पता लगाने में कारगर साबित हो रही है। माना जा रहा है कि इसकी मदद से आतंकी गतिविधियों की तरह ड्रग्स तस्करी पर भी नकेल कसने में कामयाबी मिलेगी। जानकार बताते हैं कि एनकोर्ड का गठन 2016 में ही कर दिया गया था, लेकिन 2019 में इसका विस्तार जिला स्तर तक किया गया। इसके तहत जिला से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर ड्रग्स तस्करी के हर मामले में एजेंसियों के बीच सूचना का रियल टाइम आदान-प्रदान सुनिश्चित किया जाता है। इस कारण एक जिले में मिली सूचना के आधार पर देश के किसी भी हिस्से में ड्रग्स तस्करों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है। कोरोना के कारण 2020 और 2021 के शुरुआती छह महीने में एनकोर्ड को कुछ रुकावटों का सामना करना पड़ा, लेकिन अब यह पूरी तरह काम कर रहा है।
पूरे देश में बड़े पैमाने पर ड्रग्स की बरामदगी को इसकी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।इसके पहले ड्रग्स तस्करी से निपटने की जिम्मेदारी सिर्फ नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की थी, लेकिन यह अधिकार डीआरआई, बीएसएफ, एसएसबी, कोस्ट गार्ड, आरपीएफ और एनआईए को भी दे दिया गया है। इनके बीच समन्वय के लिए 2019 में एक कमेटी का गठन किया गया, जिसका अध्यक्ष एनसीबी के महानिदेशक को बनाया गया है। एडीपीएस कानून के तहत आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई में अन्य एजेंसियों के पास अनुभव नहीं होने के कारण सिम्स (सीजर इन्फार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम) के नाम से ई-पोर्टल भी तैयार किया गया है। ड्रग्स तस्करी के हर मामले की इस पोर्टल पर जानकारी उपलब्ध होती है और उनमें हो रही कार्रवाई की एनसीबी निगरानी करता है। बता दें कि बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख़ खान के बेटे आर्यन खान को चरस लेने के आरोप में NCB ने गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल यह मामला लाइमलाइट में है। वहीं खबर है कि आर्यन खान की कस्टडी बढ़ाने के लिए एनसीबी मांग नहीं करेगी।

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