लखनऊ। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में लखनऊ में केस दर्ज किया गया है। लखनऊ के गौतम पल्ली थाने में यह केस दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि लखीमपुर हिंसा के विरोध में अखिलेश ने अपने आवास के बाहर धरना प्रदर्शन करने का आरोप है। जिसके बाद उन्हें हिरासत में लिया गया था।
दरअसल तीन अक्टूबर को राज्य के लखीमपुर जिले के तिकुनिया में हिंसा में चार किसानों की मौत हो गई थी। इसके बाद किसानों ने दो बीजेपी कार्यकर्ता, एक ड्राइवर और पत्रकार की पीट पीट कर हत्या कर दी थी। इस घटना के विरोध में 4 अक्टूबर को एसपी प्रमुख अखिलेश यादव अपने आवास के बाहर धरने पर बैठ गए थे। असल में अखिलेश यादव लखीमपुर जाना चाहते थे।
लेकिन राज्य सरकार ने नेताओं के वहां पर जाने पर रोक लगाई थी। इसके विरोध में अखिलेश यादव अपने घर के बाहर ही धरने पर बैठ गए। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था और बाद में थाने से उन्हें रिहा किया गया। असल में जब अखिलेश यादव अपने घर के बाहर धरने पर बैठे थे। तभी गौतमपल्ली थाने के सामने पुलिस जीप में आग लगा दी गई थी। इस जीप को जाने को लेकर अमित उर्फ मास्टर के नाम पर भी रिपोर्ट दर्ज की गई है। वहीं अभी तक पुलिस अमित उर्फ मास्टर को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। पुलिस का कहना है कि अमित की गिरफ्तारी के लिए भी छापामारी कर रही है।
लेकिन अभी तक पुलिस को सफलता नहीं मिली है। गौरतलब है कि 4 अक्टूबर को अखिलेश यादव लखीमपुर खीरी जाकर मृतक किसानों के परिजनों से मिलना चाहते थे और इसके लिए उन्होंने तैयारियां भी की थी ,लेकिन जिला प्रशासन ने उन्हें लखीमपुर जाने की इजाजत नहीं दी। क्योंकि राज्य सरकार ने पुलिस और प्रशासन को सख्त निर्देश दिए थे कि कोई भी नेता लखीमपुर ना जा सके। वहीं अखिलेश यादव अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ लखीमपुर खीरी जाने पर अड़े रहे और अपने आवास के पास ही बीच सड़क पर धरने पर बैठ गए।