बड़ी दिवाली के एक दिन बाद गोवर्धन पूजा होती है। गोवर्धन की पूजा भगवान श्री कृष्ण से जुड़ी हुई है। इस दिन पशु धन की पूजा की जाती है। ऐसे तो लोगों को गोवर्धन पर अक्सर सिर्फ एक ही चीज याद रहती है। जो कि अन्नकूट की सब्जी है। इस दिन के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में बता देते है।
गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त: इस बार गोवर्धन पूजा 5 नवंबर को की जाएगी। इस बार गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 28 मिनट से लेकर सुबह 7 बजकर 55 मिनट तक है। वहीं इसका दूसरा मुहूर्त शाम को 5 बजकर 16 मिनट से 5 बजकर 43 मिनट तक है। बहुत से स्थानों पर इस त्योहार को अन्नकूट के नाम से भी मनाया जाता है।
भगवान कृष्ण ने इंद्रदेव का अहंकार दूर किया: वहीं अगर गोवर्धन पूजा के महत्व की बात की जाए तो इस दिन भगवान कृष्ण के द्वारा इंद्रदेव का अहंकार दूर करने की याद में गोवर्धन का त्योहार मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण के द्वारा ही सबसे पहले गोवर्धन की पूजा शुरू कराई गई थी। उन्होंने ही गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर इंद्रदेव के क्रोध से ब्रज के सभी लोगों और पशु-पक्षियों की रक्षा की थी। यही कारण है कि गोवर्धन पूजा में गिरिराज के साथ कृष्ण जी के पूजन का भी विधान है।
अन्नकूट की सब्जी का विशेष महत्व: वहीं इस दिन अन्नकूट की सब्जी का भी विशेष महत्व माना जाता है. ये एक तरह का पकवान होता है जिसे अन्न और सब्जियों को मिलकर बनाया जाता है. भगवान को भोग लगाया जाता है। गोवर्धन की पूजा करके लोग प्रकृति के प्रति अपनी कृतज्ञता को व्यक्त करते है।
अन्नकूट की सब्जी का विशेष महत्व: वहीं इस दिन अन्नकूट की सब्जी का भी विशेष महत्व माना जाता है. ये एक तरह का पकवान होता है जिसे अन्न और सब्जियों को मिलकर बनाया जाता है. भगवान को भोग लगाया जाता है। गोवर्धन की पूजा करके लोग प्रकृति के प्रति अपनी कृतज्ञता को व्यक्त करते है।