30 C
Mumbai
Sunday, November 10, 2024
होमदेश दुनियाआतंकवाद का पनाहगार नहीं बन पाएगा अफगान, 8 देशों ने दिखाई एकजुटता 

आतंकवाद का पनाहगार नहीं बन पाएगा अफगान, 8 देशों ने दिखाई एकजुटता 

अफगानिस्तान के मुद्दे पर बुधवार को भारत सहित आठ देशों के प्रतिनिधियों ने किया गहरा मंथन

Google News Follow

Related

भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अगुवाई में अफगानिस्तान के मुद्दे पर गहरा मंथन बुधवार को आठ देशों के प्रतिनिधियों ने किया। इस बैठक में भारत सहित आठ देशों के एनएसए अथवा सुरक्षा परिषद से जुड़े सचिवों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में यह जोर दिया गया कि अफगानिस्तान को किसी भी तरह के आतंकवाद का स्रोत न बने। इस बहुपक्षीय बैठक में ईरान, रूस, कज़ाखस्तान, कर्गिीज गणराज्य, ताजिकस्तिान, उज़्बेकस्तिान तथा तुर्कमेनस्तिान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अथवा सुरक्षा परिषद के सचिवों ने भाग लिया। भारत की पहल में आयोजित इस बैठक में पाकस्तिान और चीन को भी निमंत्रण दिया गया था, लेकिन उन्होंने इसमें भाग नहीं लिया।

इस मीटिंग में दिल्ली घोषणा पत्र जारी किया गया। घोषणापत्र के अनुसार बैठक में अफगानिस्तान, विशेष रूप से वहां की सुरक्षा स्थिति तथा उसके क्षेत्रीय एवं वैश्विक प्रभावों पर चर्चा की गई। सभी पक्षों ने उस देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति, आतंकवाद के कारण उभरे खतरों, कट्टरवाद और नशीले पदार्थों की तस्करी की रोकथाम के साथ-साथ अफगान जनता को मानवीय सहायता की जरूरत पर बल दिया।

बैठक के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने एक शांतिपूर्ण, सुरक्षित एवं स्थिर अफगानिस्तान के प्रति मजबूत समर्थन दोहराया। इसके साथ ही संप्रभुता, एकता एवं प्रादेशिक अखंडता का सम्मान करने और आंतरिक मामलों में दखल नहीं देने की बात कही। उन्होंने अफगानिस्तान की सुरक्षा स्थिति में गिरावट के कारण लोगों को होने वाली तकलीफों पर गहरी चिंता जताई। इसके साथ ही इस मीटिंग में कुंदुज़, कंधार एवं काबुल पर आतंकवादी हमलों की भर्त्सना की गई। दिल्ली घोषणापत्र में इस बार पर जोर दिया गया कि अफगानिस्तान की धरती का आतंकवादियों को पनाह एवं प्रशिक्षण देने तथा आतंकवादी गतिविधियों की साजिश रचने एवं धन मुहैया कराने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। घोषणापत्र में सभी प्रकार के आतंकवाद की कड़ी निंदा की। इसमें आतंकवाद के लिए धन मुहैया कराने एवं अन्य ढांचागत सहायता और कट्टरवाद को को समाप्त करना शामिल है।

बता दें कि इस बैठक से पाकिस्तान घबरा गया है। अब पाकिस्तान अफगानिस्तान के मसले  पर अमेरिका, चीन, रूस के सीनियर डिप्लोमैट्स की मेजबानी करेगा। भारत द्वारा अफगान मुद्दे पर बुलाई गई बैठक में भारत सहित आठ देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अथवा सुरक्षा परिषद से   जुड़े  सचिव शामिल हुए हैं। भारत ने इस बैठक में आतंकवाद पर एक घोषणा पत्र भी जारी किया, जिसमें कहा गया है कि अफगानिस्तान को किसी भी तरह के आंतकवाद का पनाहगार नहीं बनाने दिया जाएगा।

यह भी पढ़ें

डोभाल की बैठक से पाकिस्तान को लगी मिर्ची, अब इन देशों से करेगा चर्चा 

BJP सांसद रंजीता कोली पर हमला, हमलावरों ने फायरिंग कर फेंका धमकी भरा पत्र 

मलाला यूसुफजई ने किया निकाह, कभी शादी पर उठाया था सवाल

 

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,321फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
189,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें