राज्य के कुछ हिस्सों में हाल ही में हुई हिंसा को रज़ा अकादमी के कार्यकर्ताओं द्वारा व्यवस्थित रूप से अंजाम दिया गया है। भाजपा विधायक नितेश राणे ने सोमवार को हिंसा को लेकर रजा अकादमी पर प्रतिबंध लगाने और रजा अकादमी के शीर्ष अधिकारियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में नितेश ने कहा कि रजा अकादमी के कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर अफवाह फैला रहे थे, तब पुलिस का खुफिया विभाग क्या कर रहा था? नितेश राणे ने कहा कि रजा अकादमी के समर्थकों ने सोशल मीडिया पर त्रिपुरा में धार्मिक स्थलों पर तोड़फोड़ की झूठी सूचना फैलाई और मुसलमानों को उकसाया। 12 नवंबर को निकाले गए मोर्चे के पोस्टरों के जरिए हिंसा को भड़काया गया था। इन सबके बावजूद राज्य पुलिस ने रजा अकादमी को विरोध प्रदर्शन करने की इजाजत दे दी। मार्च में भाग लेने वाले लोगों ने बिना किसी कारण के हिंदुओं पर हमला किया और पुलिस पर पथराव भी किया। इसके बावजूद पुलिस ने भीड़ को रोकने के लिए बल प्रयोग नहीं किया। यह चौंकाने वाली बात है कि अब गृह मंत्री वलसे पाटिल और महाविकास अघाड़ी के कुछ नेता हिंसा के लिए हिंदू समर्थक संगठनों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
हिंसा के लिए रजा अकादमी के अधिकारियों की तत्काल गिरफ्तारी किया जाना चाहिए। राणे ने कहा कि यदि हिंदुओं पर और हमले होते हैं, तो इसका उचित तरीके से जवाब दिया जाएगा। और इस स्थिति के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी। भाजपा विधायक ने कहा कि 2012 में मुंबई में रज़ा अकादमी द्वारा आयोजित एक रैली में हिंसा और भिवंडी में एक पुलिस स्टेशन पर भीड़ के हमले में दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। इसके लिए रजा अकादमी जिम्मेदार थी। राणे ने इस मौके पर याद दिलाया कि शिवसेना के पूर्व विधायक अर्जुन खोतकर ने रजा अकादमी के मंच पर जाकर भाषण दिया था। उनके भाषण का वीडियो देखने के बाद खोत के खिलाफ क्यो कार्रवाई नहीं हुई।
ये भी पढ़ें
मनी लॉन्ड्रिंग केस: अनिल देशमुख को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
ड्रग्स केस: सबूत के अभाव में NCB की SIT ने तीन मामलों को हटाया