सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने इतिहास में पहली बार एक वरिष्ठ गे वकील को दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त की सिफारिश की है। वरिष्ठ वकील सौरभ कृपाल को दिल्ली उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। सौरभ कृपाल की नियुक्ति भारतीय इतिहास में एक मिसाल होगी। वह पहले गे जज होंगे।
बता दें कि 49 साल के वरिष्ठ वकील सौरभ कृपाल के पिता भी न्यायाधीश रह चुके है। उनके पिता का नाम भूपिंदर नाथ कृपाल है। जो 2002 में भारत के 31 वें प्रधान न्यायाधीश पद रह चुके हैं।
वरिष्ठ वकील सौरभ कृपाल के नाम पर कई बार विचार किया गया, लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं हुआ और मामला टलता रहा। हालांकि अब जाकर उनके नाम की सिफारिश की गई है। लेकिन उनकी नियुक्ति कब होगी यह अभी पता नहीं चल पाया है। कृपाल समलैंगिक हैं और उनकी नियुक्ति समलैंगिक अधिकारों की दिशा में महत्वपूर्ण है।मालूम हो कि सौरभ कृपाल ने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर करने वाले फैसले में भी शामिल थे।
बता दें कि, सौरभ कृपाल ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस से स्नातक किया और कानून की पढ़ाई के लिए ऑक्सफोर्ड चले गए थे। सौरभ कृपाल ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से लॉ में मास्टर्स डिग्री ली है। भारत लौटने से पहले, सौरभ कृपाल ने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में कुछ समय के लिए काम किया है। सौरभ कृपाल कई भारतीय सीनियर वकीलों के साथ भी काम किया है।
ये भी पढ़ें
UN में पाक को लताड़ा, जम्मू-कश्मीर का अवैध कब्जे वाला क्षेत्र खाली करो
… और शिक्षकों के ‘हां’ जवाब से पानी-पानी हुए गहलोत, BJP ने साधा निशाना