कोरोना वायरस को लेकर चीन अपने ही बुने जाल में फंसता नजर आ रहा है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन द्वारा बताई जा रही कोरोना वायरस से पहली संक्रमित निमल बाजार में काम करने वाला एक वेंडर था। रिपोर्ट में कहा गया है कि वह वहां लैब से जुड़ा कोई अकाउंटेंट नहीं था। बल्कि एनिमल बाजार में काम करने वाला एक वेंडर था। इस मामले चीन कई बार घिर चुका है। इस मामले को लेकर अमेरिका और चीन में तनातनी भी सामने आई थी। तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इसकी जांच की घोषणा भी थी। जिसके बाद दोनों देशों में कोरोना वायरस को लेकर आरोपत्यरोप लगाए गए।
चीन ने कई बार विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा किये जा रहे जांच में भी परेशानियां पेश कर चुका है। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन अपना काम जारी रखा। अगर, साइंस नामक पत्रिका का दावा सही साबित होता है तो चीन को पोल खुल जाएगी। न्यूयार्क टाइम्स में इस संबंध की एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। जिसमें कहा गया है कि चीन द्वारा कहा गया था कि कोरोना वायरस से सबसे पहले एक अकाउंटेंट पीड़ित पाया गया था।
लेकिन नए खुलासे ने चीन के दावे की पोल खोल दी है। एरिजोना विश्वविद्यालय में इकोलॉजी इवोल्यूशन बायोलॉजी के प्रमुख माइकल वोरोबे का कहना है कि एकाउंटेंट को दांतों की समस्या की वजह से यह भ्रम पैदा हुआ। उनका कहना है कि इससे पहले चीन के वुहान के जानवरों के बाजारों में कोरोना वायरस से कई लोग संक्रमित हो चुके थे। जो एक महिला वेंडर थी। बताया जा रहा कि यह 11 दिसंबर को संक्रमित पाई गई थी।
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