महाराष्ट्र विधानमंडल ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिये 27 प्रतिशत आरक्षण नहीं होने पर राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव स्थगित करने के संबंध में सोमवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सदन में प्रस्ताव पेश किया कि जब तक अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण नहीं दिया जाता, तब तक आगामी निकाय चुनाव स्थगित कर दिया जाए। नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। इसके बाद विधानसभा ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर दिया। पवार ने कहा कि स्थानीय निकायों में पिछड़े वर्ग का प्रतिनिधित्व आवश्यक है। विधानसभा से पारित होने के बाद महाराष्ट्र के ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुशरिफ ने विधान परिषद में प्रस्ताव पेश किया।
परिषद के सभापति रामराजे नाइक-निम्बालकर ने प्रस्ताव पर उच्च सदन के सदस्यों की राय मांगी। परिषद के सदस्यों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव का समर्थन किया, जिसके बाद वह पारित कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने छह दिसंबर को दिए आदेश में महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों की उन सीटों पर चुनाव पर रोक लगा दी थी,जहां ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण है। शीर्ष अदालत ने यह स्पष्ट किया था कि अन्य सीटों पर चुनाव की प्रक्रिया जारी रहेगी।
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