मोदी सरकार आने के बाद से केंद्र की कई पारंपरिक चीजों में बदलाव किया गया है। योजना आयोग का नाम बदलकर नीति आयोग किया। इसके अलावा भी कई अति महत्वपूर्ण बदलाव किया जो चर्चा का विषय है। जिसमें एक केंद्रीय बजट भी है। जिसमें हलवा सेरेमनी की हमेशा चर्चा होती थी, लेकिन इस साल (2022-2023) के बजट में लड्डू सेरेमनी के साथ शुरू हुई। वहीं, दूसरी तरफ, एक समय था कि जब भारतीय बजट पेश होने से पहले चमड़े का ब्रीफकेस लेकर वित्त मंत्री सामने आते थे, लेकिन अब मोदी सरकार आने के बाद अब इसमें बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है जो अब केवल एक लाल कपडे तथा डिजिटल में सिमट गया है।
इसके बाद केंद्र सरकार ने 1924 से दो अलग-अलग बजट, रेल बजट और आम बजट पेश किए जाते थे। लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद इसमें भी बड़ा बदलाव किया गया। 2016 में मोदी सरकार ने रेल बजट को केंद्रीय बजट में मिला दिया।
इसके अलावा, अंग्रेजों के ज़माने से हर साल 28 फरवरी को पेश किये जाने वाले केंद्रीय बजट को 2017 में 1 फरवरी को बजट पेश किया गया जिसे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेश किया। बजट पेश करने की तारीख को यह सुनिश्चित करने के लिए आगे बढ़ाया गया था कि बजट से संबंधित सभी प्रक्रियाएं 1 अप्रैल से पहले पूरी हो जाएं। वहीं, 5 जुलाई 2019 में वित्त मंत्री सीतारमण ने केंद्रीय बजट से संबंधित दस्तावेजों को लेकर पारंपरिक ब्रीफकेस के बजाय लाल कपड़े के बैग के साथ बजट को पेश किया। इस कोरोना काल में भी काफी बदलाव हुआ।
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