रूस के सैन्य अभियान से बुरी तरह प्रभावित यूक्रेन में फंसे 20,000 भारतीयों में से अब तक 6,000 को स्वदेश लाया जा चुका है। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार बाकी भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए सभी कोशिशें कर रही है। मुरलीधरन ने पुणे में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि में लगभग 20,000 विद्यार्थी/नागरिक फंसे हुए थे। उनमें से 4,000 को 24 फरवरी से पहले भारत लाया गया था। वहीं, 2,000 अन्य छात्र-छात्राओं को मंगलवार तक वापस लाया गया।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “पूर्वी यूरोपीय देश में फंसे बाकी भारतीयों को भी निकालने के प्रयास जारी हैं।” मुरलीधरन ने कहा कि चूंकि यूक्रेन में फंसे भारतीयों की संख्या काफी अधिक है, लिहाजा उन्हें भारत लाने के लिए रक्षा विमानों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यूक्रेन के पड़ोसी देशों-रोमानिया, पोलैंड, हंगरी और स्लोवाकिया की मदद से भारतीयों को वहां से सुरक्षित निकालकर भारत लाया जा रहा है। यूक्रेन में फंसे भारतीयों की निकासी के लिए भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन गंगा’ की शुरुआत की थी।
शिवसेना के इस आरोप के बारे में पूछे जाने पर कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए ‘ऑपरेशन गंगा’ नाम का इस्तेमाल किया जा रहा है। मुरलीधरन ने कहा, “यह राजनीतिक मुद्दा नहीं है। यह राष्ट्रीय मुद्दा है। यह भारतीय नागरिकों की सुरक्षा से संबंधित है। नाम पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।” पुणे में मुरलीधरन ने यूक्रेन में फंसे कुछ विद्यार्थियों के माता-पिता से मुलाकात भी की।
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