रूस और यूक्रेन युद्ध का आज 8वां दिन है| इस लड़ाई में दोनों देशों ने एक दूसरे के हजारों सैनिकों को मारने का भी दावा किया है| वही रूस के हमले से यूक्रेन के कई बड़े शहरों में आम नागरिकों की मौत हुई है| इस युद्ध के बीच अब इस बात का डर बढ़ गया है कि कहीं रूस यूक्रेन पर परमाणु हमला ना कर दे| ऐसा इसलिए क्योंकि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी न्यूक्लियर फोर्स को ‘हाई अलर्ट’ पर रहने का आदेश दिया था| इसी वजह से अमेरिका ने रूस के आसपास के देशों में परमाणु हथियारों की तैनाती बढ़ाना शुरू कर दिया है|
गौरतलब है कि अमेरिका और उसके नेतृत्व वाले 30 देशों के सैन्य संगठन नाटो ने इन तैनात किए गए हथियारों को लेकर आंकड़ों की पुष्टि नहीं की है| आर्म्स कंट्रोल सेंटर का अनुमान है कि अमेरिका के करीब 100 परमाणु हथियार नाटो के पांच सदस्य देशों के छह बेस पर तैनात हैं| इटली में एविएनो और घेडी, जर्मनी में बुकेल, तुर्की में इंकर्लिक, बेल्जियम में क्लेन ब्रोगेल और नीदरलैंड में वोल्केल में ये हथियार तैनात हैं|
जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कॉल्ज ने भी रूस के यूक्रेन पर हुए हमले के बाद कहा कि उनका देश लॉकहेड मार्टिन कॉर्प F-35 लड़ाकू विमानों की खरीद की योजना बना रहा है| इसके साथ ही देश के रक्षा खर्च को भी बढ़ाने पर काम होगा| जर्मनी के पास अपने परमाणु हथियार नहीं हैं, वो नाटो के परमाणु साझाकरण समझौते का हिस्सा है| इस समय दुनिया में अमेरिका और रूस ही वो देश हैं, जिनके पास जरूरत से अधिक हथियार हैं| इनके पास दुनिया में मौजूद ऐसे 15,000 हथियारों का 90 फीसदी हिस्सा है, जबकि फ्रांस तीसरे स्थान पर है|
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