यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस ने इतिहास का सबसे ख़राब प्रदर्शन किया है। इस चुनाव में कांग्रेस ने मात्र दो सीट जीती है। जबकि 2017 में कांग्रेस ने सात सीट जीती है। 2022 के चुनाव में कांग्रेस की मुख्य चेहरा प्रियंका गांधी थी। जिन्होंने ‘लड़की हूँ लड़ सकती हूं’ कैंपेन शुरू किया था।प्रियंका गांधी ने इस कैम्पेन बड़े पैमाने पर महिलाओं को टिकट देने की घोषणा की थी, लेकिन कांग्रेस का यह प्लान कामयाब नहीं हुआ. क्योंकि कई महिला कार्यकर्ताओं ने टिकट न देने का आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ दी थी।
कांग्रेस से अच्छा तो राष्ट्रीय लोक दल और निषाद पार्टी ने इस चुनाव में प्रदर्शन किया। क्रमशः दोनों पार्टियों के आठ और छह उम्मीदवारों ने जीत दर्ज किये। जबकि, कांग्रेस के आराधना मिश्रा ‘मोना’ रामपुर खास से और वीरेंद्र चौधरी महराजगंज के फरेंदा से जीत हासिल की। 2017 के मुकाबले कांग्रेस ने पांच सीट पीछे रही। हालांकि, 2017 में कांग्रेस ने सपा के साथ गठबंधन किया था। इसके बावजूद वह केवल सात सीट पर ही जीत मिली थी। लेकिन, 2017 मुकाबले 2022 का चुनाव अलग था क्योंकि इस बार उत्तर प्रदेश की बागडोर प्रियंका गांधी संभाल रही थीं। जबकि 2017 में राहुल गांधी के हवाले था।
बताते चले कि कांग्रेस ने यूपी से बेहतर प्रदर्शन मणिपुर में किया। यहाँ कांग्रेस को पांच सीटों पर जीत मिली है। मणिपुर में 60 सीट में से बीजेपी 32 पर जीत दर्ज की और दोबारा सत्ता में वापसी की है। अगर यूपी में कांग्रेस का इतिहास देखें तो कांग्रेस ने 1951 में बंपर जीत हासिल की थी उस दौरान पार्टी को 388 सीटें मिली थीं। वहीं दूसरे विधानसभा 286 सीट मिली थी। 1980 में 309 और 1985 में 369 पर कामयाबी मिली थी। लेकिन 1991 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का ऐसा ग्राफ गिरा की अभी तक नहीं संभाला। इस साल कांग्रेस केवल 50 से संतोष करना पड़ा था।
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