पिछले वर्ष, अप्रैल 2021 से संक्रमणों में लगातार वृद्धि के बाद महामारी की दूसरी लहर शुरू हुई जो होली के बाद आई थी| और तीसरी लहर दूसरी लहर के लगभग 4 महीने बाद आई| उन्होंने कहा कि देश और दुनिया में इस ट्रेंड को देखते हुए इस बात की आशंका कम है कि होली का जश्न एक और लहर की वजह बन सकता है|
डॉ. झा ने कहा कि हालांकि होली के बाद मामलों के बढ़ने की आशंका बहुत कम है लेकिन फिर भी लोगों को बड़ी सभाओं का हिस्सा बनने से बचना चाहिए क्योंकि वायरस अभी भी मौजूद हैं. “लहर आए या नहीं लेकिन हम अभी भी पूरी तरह से खतरे से बाहर नहीं हैं| पानी से होली खेलने से छींक और फ्लू जैसे अन्य लक्षण दिखाई दे सकते हैं|
इस पर इंटरनल मेडिसिन की सलाहकार डॉ. हनी सावला का नजरिया अलग है| उन्होंने कहा कि ज्यादातर आबादी का टीकाकरण हो चुका है या उन्हें COVID-19 वैक्सीन की कम से कम एक खुराक मिल चुकी है, ऐसे में पिछले वेरिएंट की तरह इस बार मामलों में वृद्धि नहीं होगी| हमारी लगभग 90 प्रतिशत आबादी को पहली खुराक मिल चुकी है, इसलिए अब हमें प्रतिबंधों पर ध्यान नहीं देना चाहिए|
दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने सभी प्रतिबंधों को हटाने को लेकर आगाह किया है क्योंकि कोरोना वायरस के दूसरे वेरिएंट अभी भी मौजूद हैं| हेल्थ एक्सपर्ट मानते हैं कि COVID-19 के कम होते मामले उत्साहजनक है, लेकिन फिर भी वो सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं| कई विशेषज्ञ डेटा की घटती उपलब्धता पर भी चिंता जता रहे हैं| विशेषज्ञों का कहना है कि होली की वजह से COVID के मामलों में उछाल नहीं आएगा, लेकिन फिर भी इस समय सावधानी बरतना सबसे अच्छा है|
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