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Monday, November 25, 2024
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Pakistan and China: उठा मानवाधिकार हनन तथा उत्पीड़न का मामला 

बलूच मानवाधिकार परिषद की तरफ से जेनेवा प्रेस क्लब में आयोजित एक सेमिनार में पाकिस्तान व ईरान में बलूचों के उत्पीड़न के मुद्दे उठे।

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पाकिस्तान व चीन में मानवाधिकार हनन तथा उत्पीड़न के खिलाफ नीदरलैंड्स के एक गैर सरकारी संगठन ग्लोबल ह्यूमन राइट्स डिफेंस (जीएचआरडी) ने आवाज बुलंद की है। एनजीओ की तरफ से आयोजित एक प्रेस वार्ता को बलूच मानवाधिकार परिषद (बीएचआरसी) के डा. नसीर दाश्ती तथा व‌र्ल्ड सिंध कांग्रेस (डब्ल्यूएससी) के डा. लाखु लुहाना ने संबोधित किया।

उन्होंने कहा, ‘शोध बताते हैं कि वर्ष 1996 के बाद 33 लाख बच्चों को बाल श्रम के लिए मजबूर किया गया। वर्ष 2020 में 2.27 करोड़ बच्चे स्कूल से वंचित रह गए। लगभग 32 प्रतिशत महिलाओं ने गलियों अथवा कार्यस्थलों पर शारीरिक हिंसा का सामना किया है। 40 प्रतिशत महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार हुईं।’

डा. लुहाना ने सिंध के लोगों का मुद्दा उठाते हुए कहा, ’67 प्रतिशत से भी अधिक लड़कियां शिक्षा से वंचित हैं। 80 प्रतिशत स्कूलों में पेयजल की भी व्यस्था नहीं है। सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि सिंधवासी जि​​स पेयजल का इस्तेमाल कर रहे हैं, उसका 80 प्रतिशत हिस्सा पशुओं के भी पीने के लायक नहीं हैं। बलूच मानवाधिकार परिषद की तरफ से जेनेवा प्रेस क्लब में आयोजित एक सेमिनार में पाकिस्तान व ईरान में बलूचों के उत्पीड़न के मुद्दे उठे।

वर्ष 2012 में चीन के शिनजियांग क्षेत्र में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की यात्रा के दौरान उनसे मुलाकात करने वाली उइगर महिला को 20 साल कारावास की सजा सुनाई गई है। रेडियो फ्री एशिया ने महिला के पति के हवाले से बताया कि उसे नियमों के उल्लंघन के आरोप में वर्ष 2017 में गिरफ्तार किया गया था। उल्लेखनीय है कि तुर्की व उइगर मुसलमानों की भाषा व संस्कृति एक समान है।

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