कर्नाटक में हिजाब विवाद ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को उडुपी जिले की 40 मुस्लिम छात्राओं ने पहली प्री-यूनिवर्सिटी परीक्षा छोड़ दिया है। छात्राओं ने हिजाब विवाद के बाद कर्नाटक हाई कोर्ट के आये फैसले के बाद यह निर्णय लिया है। इसके अलावा सात परीक्षकों को भी निलंबित किया गया है। इन परीक्षकों पर आरोप है कि उन्होंने हिजाब पहनने वाली छात्राओं को एग्जाम में बैठने की अनुमति दी थी।
परीक्षा छोड़ने वाली छात्राओं में कुंडापुर की 24 छात्राएं ,बिंदुए की 14 और उड्डपी सरकारी कन्या कॉलेज की 2 छात्राएं शामिल हैं। आरएन पीयू की 28 में से 13 लड़कियां परीक्षा में शामिल हुई थी। वहीं। कई कॉलेजों में छात्राएं हिजाब पहन कर परीक्षा देने पहुंची थी लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिली। इसी तरह कई स्कूलों में मुस्लिम छात्रों ने बिना हिजाब के परीक्षा भी दिया है।
जानकारी के अनुसार कई निजी स्कूलों में हिजाब पहनकर परीक्षा देने की छूट भी मिली थी। बता दें कि लम्बे विवाद के बाद हिजाब पर कर्नाटक हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया था , जिसमे कहा गया था कि स्कूल में हिजाब पहनकर नहीं आया जा सकता है। इसके बाद इस मामले को दोबारा सुप्रीम कोर्ट में लाया गया था।
हालांकि, कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इंकार कर दिया था। इस बीच सात परीक्षकों को निलंबित किया गया है। इस परीक्षकों पर आरोप है क्लास के अंदर हिजाब पहनने की इजाजत दी थी। इस संबंध में कर्नाटक के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि सात परीक्षकों को निलंबित किया गया है। इन लोगों ने हाई कोर्ट के आदेश का पालन करने के बजाय उल्लंघन किया।
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