अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को सेशन कोर्ट से भी तत्काल कोई राहत नहीं मिली है| राणा दंपती को अब 29 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में रहना होगा| अब अदालत अगली सुनवाई में ही इस मामले में कोई फैसला करेगी|
इससे पहले नवनीत राणा की तरफ से लगाए गए अमानवीय बर्ताव के आरोप पर लोकसभा ने मुंबई पुलिस से 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा है|
सांसद ने लोकसभा स्पीकर को लिखे पत्र में बगैर किसी कारण के लॉक-अप में रखने के साथ ही पुलिस हिरासत में पीने का पानी तक नहीं दिए जाने का आरोप लगाया है| साथ ही उन्होंने अपने पत्र में उनकी जाति को लेकर दुर्व्यवहार करने का भी आरोप लगाया है|
नवनीत राणा ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए दावा किया कि मुख्यमंत्री ठाकरे के निर्देश पर उनके और पति के खिलाफ कार्रवाई की गई है| उन्होंने पत्र में मुंबई पुलिस आयुक्त संजय पांडे समेत तमाम पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग भी की है|
इसी बीच 25 अप्रैल को बम्बई उच्च न्यायालय ने राणा दंपती द्वारा दायर उस रिट याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया था| दंपति ने सोमवार सुबह उच्च न्यायालय का रुख कर, शहर में खार पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया था|
खार पुलिस ने यह प्राथिमिकी, एक पुलिस अधिकारी को उनके कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी| न्यायमूर्ति पी. बी. वराले और न्यायमूर्ति एस.एम. मोदक की पीठ ने कहा कि याचिका में कोई दम नहीं है|
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