भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक धर्मवीर शर्मा ने दावा किया है कि कुतुब मीनार का निर्माण राजा विक्रमादित्य ने कराया था, न की कुतुब अल-दीन ऐबक ने। उन्होंने अपने दावे में कहा है कि कुतुब मीनार का निर्माण सूर्य की दिशा का अध्ययन करने के लिए किया था।
उन्होंने कहा कि यह कुतुब मीनार नहीं है, बल्कि एक सन टॉवर (वेधशाला टॉवर) है। इसका निर्माण 5वीं शताब्दी में राजा विक्रमादित्य ने कराया था, कुतुब अल-दीन ऐबक ने नहीं। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इस संबंध में मेरे पास बहुत सारे सबूत भी हैं। बता दें कि धर्मवीर शर्मा एएसआई की ओर से कई बार कुतुब मीनार का सर्वेक्षण कर चुके हैं।
उन्होंने बताया कि, कुतुब मीनार की मीनार में 25 इंच का झुकाव है। ऐसा इसलिए है ,क्योंकि इसे सूर्य का निरीक्षण करने के लिए बनाया गया था और 21 जून को संक्रांति के दिन आकाश में जब सूर्य जगह बदल रहा था तब उस क्षेत्र पर छाया नहीं पड़ी यह सब कम से कम आधा घंटा तह हुआ। उन्होंने कहा कि यह विज्ञान और पुरातात्विक तथ्य है।”
उन्होंने कहा कि , जिसे कुतुब मीनार कहा जाता है वह एक स्वतंत्र संरचना है और इसके पास जो मस्जिद है इसका उससे कोई संबंध नहीं है। उन्होंने यह भी दावा किया कुतुब मीनार का दरवाजा उत्तर दिशा में है।ऐसा इसलिए है कि रात के समय आसमान में ध्रुव तारे को देखा जा सके।
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