मध्य प्रदेश के शेख जफर ने इस्लाम धर्म छोड़कर हिन्दू धर्म अपना लिया। जफ़र हिन्दू धर्म से प्रभावित थे। मध्य प्रदेश के मंदसौर के पशुपति मंदिर में उनका विधि विधान से धर्म परिवर्तन किया गया। इसके लिए मुंबई से विशेष तौर पर मंडलेश्वर चिदंबरानंद सरस्वती ने मंदसौर आये थे। जिन्होंने शेख जफ़र का धर्म परिवर्तन कराया। इस दौरान, शेख जफ़र नामकरण भी किया गया। अब उन्हें शेख जफ़र के बजाय चैतन्य सिंह राजपूत के नाम से जाना जाएगा।
बताया जा रहा है कि,चैतन्य सिंह राजपूत बचपन से ही हिन्दू धर्म से प्रभावित हैं। उन्होंने अपने घर में एक मंदिर भी बनवा रखा है। इतना ही नहीं, नवरात्र में घट स्थापना भी की जाती है। साथ ही इसमें नौ दिनों तक अखंड ज्योति भी जलाई जाती है। धर्म परिवर्तन के बाद चैतन्य सिंह राजपूत ने बताया कि यह उनके लिए नया नहीं है क्योंकि वह शुरू से सनातन धर्म को मानते आये हैं। उन्होंने कहा कि आज उनका धर्म परिवर्तन नहीं हुआ है, बल्कि धर्म में वापसी हुई है। उनका कहना है कि वह शुरू से सनातन धर्म का पालन करते आये हैं।
इस संबंध में मंदसौर के बीजेपी विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया ने कहा कि धर्म परिवर्तन के बारे में शेख जफ़र ने मुझे बताया था। उन्होंने कहा कि जनता का सेवक होने के कारण हमारा यह कर्तव्य बनता है कि उनकी इच्छाओं को पूरा करूं। इसलिए, मैंने शेख जफ़र की इच्छा को पशुपतिनाथ मंदिर में पूरी कराई। उन्होंने चैतन्य सिंह राजपूत को बधाई दी।
वहीं, मंडलेश्वर चिदंबरानंद सरस्वती ने कहा कि हिंदुस्तान में जितने भी मुस्लिम हैं, वे सभी हिन्दू समुदाय के पूर्वज हैं। यानी वे भी पहले हिन्दू ही थे। जो सनातन धर्म से जुड़े हुए थे। इस बात को जो समझता है, वह शेख जफ़र जैसे हिन्दू धर्म अपना लेता है।
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