हाल ही में सम्राट पृथ्वीराज फिल्म की रिलीज से पहले अभिनेता अक्षय कुमार ने देश की शिक्षा व्यवस्था को लेकर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इतिहास के विषय में जिस तरह से मुगल काल को पढ़ाया गया है, वही देश के राजाओं के बारे में उतनी जानकारी नहीं दी गयी है|फिल्म अभिनेता ने कहा कि हमें मुगल शासकों के साथ ही महाराणा प्रताप सहित कई राजाओं की वीरगाथाओं के इतिहास को देश के युवाओं को जानना जरुरी है|
देश की शिक्षा नीति खासकर इतिहास को लेकर अक्षय कुमार ने कहा कि मैं यहां हिंदुत्व के लिए नहीं बल्कि सांस्कृतिक विरासत के चलते गया था। उन्होंने यह भी कहा कि मैं धार्मिक आस्था के चलते नहीं बल्कि संस्कृति की वजह से वहा गया। सबसे बड़ी यह कि मैं इसके माध्यम से लोगों को बताऊं कि यह हमारी संस्कृति है।
सांस्कृतिक पुनरुत्थान और मंदिरों के दोबारा निर्माण को लेकर फिल्म निर्माता द्विवेदी ने कहा कि यह गलत नहीं है। भारत की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी है। गंगा और हिमालय हमारे इतिहास के साक्षी हैं| उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को याद दिलाया जाए कि पहली बार काशी विश्वनाथ मंदिर को कुतुबुद्दीन ने तोड़ा था, लेकिन 1947 में सरदार पटेल, कन्हैया लाल मुंशी और राजेंद्र प्रसाद सहित कई नेताओं ने प्रयास भी किए।
इस बीच अभिनेता अक्षय कुमार ने पीएम नरेंद्र मोदी की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी वे जिस भी व्यक्ति से बात करते हैं, वे स्वयं को ढाल लेते हैं। उनके इंटरव्यू लिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह मेरा काम नहीं था, लेकिन मुझे बेहद खुशी हुई थी कि उनके साथ बैठने का मौका मिला।
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