जाते जाते औरंगाबाद का नाम बदल कर संभाजी नगर करने के आघाड़ी सरकार के फैसले पर मुस्लिम नेता नाराज हो गए हैं और कांग्रेस एनसीपी को खरी खोटी सुना रहे हैं। एम आई एम के सांसद व प्रदेश अध्यक्ष इम्तियाज जलील ने कहा है की उनकी पार्टी इस फैसले के खिलाफ सड़क पर उतर कर आंदोलन करेगी।
उन्होंने इस फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि औरंगाबाद के कांग्रेस एनसीपी के नेता अब इस अब शहर में घूम कर दिखाए। उन्होंने कहा की सरकार ने भले ही औरंगाबाद का नाम बदल दिया है पर हमारे लिए यह औरंगाबाद ही रहेगा। समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आसिम आजमी ने भी इस फैसले का विरोध किया है। आजमी ने कहा की सपा ने भी ठाकरे सरकार को समर्थन दिया था। उद्धव ठाकरे कह रहे थे कि 30 साल गलत लोगो के साथ बर्बाद कर दिया अब सेक्युलर बन गया हु। इसके बावजूद औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदल दिया क्योंकि ये मुस्लिम नाम हैं। आजमी ने कहा की शहरों का नाम बदलने से कोई विकास नहीं होगा।
कैबिनेट बैठक से बाहर निकल गए थे असलम: दूसरी तरफ बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में जब औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने का फैसला लिया गया तो इससे नाराज होकर कांग्रेस के मुस्लिम मंत्री असलम शेख मंत्रिमंडल की बैठक से बाहर निकल गए थे। हालांकि बैठक के बाद कांग्रेस के एक अन्य मंत्री सुनील केदार ने सफाई दी की कांग्रेस ने औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदले जाने का विरोध नहीं किया। कैबिनेट बैठक में कांग्रेस की तरफ से ट्रांस हार्बर लिंक का नाम महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ए आर अंतुले के नाम पर करने की मांग की गई थी लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं हो सका।
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