शिवसेना नेता पद से इस्तीफा देने वाले पूर्व मंत्री रामदास कदम ने आरोप लगाया है कि शिवसेना में तोड़फोड़ के लिए शरद पवार और उऩके भतीजे अजित पवार जिम्मेदार हैं। मंगलवार को प्रेस के सामने आए कदम ने कहा कि शरद पवार बाला साहेब के जीते जी जो काम नहीं कर सके वह काम उन्होंने उद्धव ठाकरे को साथ लेकर कर लिया। इस दौरान शिवसेना के पुराने नेता रहे कदम फफक-फफक कर रोने लगे।
कदम ने कहा कि उद्धव ठाकरे से सवाल किया कि क्या बाला साहेब होते तो आप को एनसीपी-कांग्रेस के साथ मिलकर मुख्यमंत्री बनने देते। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि महाविकास अघाड़ी सरकार आने के बाद से वह तीन साल तक मातोश्री नहीं गए क्योंकि उद्धव ठाकरे किसी की नहीं सुनते थे। शिवसेना नेता बालासाहेब ठाकरे सीधे नहीं थे। उद्धवजी आप सरल हैं, इसलिए चाचा भतीजे पवार आपको धोखा दे रहे थे। कदम ने अभी भी सही फैसला लेने की अपील की। सोमवार को शिवसेना नेता के पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद रामदास कदम को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। मीडिया से बात करते हुए कदम ने उद्धव ठाकरे की कार्यशैली की आलोचना की और एनसीपी पर शिवसेना के विभाजन का आरोप लगाया। अपने दिल का दर्द व्यक्त करते हुए उनके आंसू छलक पड़े। उन्होंने कहा कि जब तक मैं एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे को साथ नहीं लाऊंगा, तब तक चैन से नहीं बैठूंगा। कदम ने दावा किया कि मेरे हाथ में अंत तक केवल भगवा ही रहेगा।
पूर्व मंत्री कदम ने कहा कि शरद पवार पिछले तीन साल से शिवसेना को तोड़ रहे थे। अजीत पवार सुबह सात बजे मंत्रालय में बैठ जाते थे और शिवसेना विधायक से हारने वाले राकांपा उम्मीदवारों की भरपूर सरकारी मदद कर रहे थे। एनसीपी ने आगामी चुनाव में 100 विधायकों को चुनने का लक्ष्य रखा है। इसलिए, अगर महा विकास अघाड़ी सरकार पांच साल तक चलती, तो शिवसेना समाप्त हो जाती। कदम ने दावा किया कि अगले चुनाव में शिवसेना के केवल 10 विधायक चुने जाते। बार-बार यह जानकारी देने के बावजूद उद्धव ठाकरे ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। एकनाथ शिंदे ने शिवसेना को बचाया जबकि पवार शिवसेना को खत्म कर रहे थे इसलिए हम एकनाथ शिंदे को धन्यवाद दे रहे हैं। जैसे ही शिंदे ने शिवसेना को बचाया, मैंने अपने विधायक बेटे योगेश कदम को शिंदे गुट में भेज दिया। कदम ने इस बात पर अफसोस जताया कि 70 साल की उम्र में उन्हें आदित्य ठाकरे को साहेब कहना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि मैं आज 70 साल का हो गया हूं। मैं पिछले 52 सालों से शिवसेना के लिए काम कर रहा हूं। शिवसेना को बढ़ाने के लिए कई आंदोलनों में हिस्सा लिया। आंदोलन के मामले में मेरे खिलाफ कई अपराध दर्ज हैं। फिर भी आदित्य ठाकरे मंत्रालय में आए और मुझे बैठक करने का आदेश दिया। कदम ने कहा कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि आदित्य ठाकरे को इस उम्र में साहब कहलाना पड़ा। मुझे शिवसेना से निष्कासित नहीं किया गया है लेकिन मैंने तो पहले ही पद से इस्तीफा दे दिया है। कदम ने उद्धव ठाकरे से पूछा कि कितने और लोगों को निष्कासित किया जा रहा है।
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