उपराष्ट्रपति चुनाव से ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने दूरी बना ली है। टीएमसी ने दावा किया है कि कांग्रेस ने मार्गरेट अल्वा को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित करने से पहले उनसे विचार विमर्श नहीं किया। यह निर्णय पार्टी की एक बैठक में लिया गया। हालांकि, अभी कांग्रेस का इस पर कोई बयान नहीं आया है। देखना होगा कांग्रेस अपनी प्रतिक्रिया में क्या कहती है।
बताया जा रहा है कि कालीघाट स्थित कार्यालय में पार्टी के लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों की बैठक हुई। बैठक का नेतृत्व ममता बनर्जी ने किया। जिसमें यह निर्णय लिया गया। मालूम हो कि उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए एनडीए ने बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ को बनाया है जबकि कांग्रेस ने पार्टी की ही नेता मार्गरेट अल्वा की उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस की ओर से अल्वा को उम्मीदवार बनाये जाने पर सवाल भी खड़े किये जा रहे हैं।
बहरहाल, छह अगस्त को उपराष्ट्रपति का चुनाव होगा। टीएमसी का कहना है बैठक में 85 फीसदी प्रतिनिधियों ने अपने फैसले में कहा कि जिस तरह से विरोधी दलों ने उम्मीदवारी चयन में टीएमसी से राय मशविरा नहीं लिया। उसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया कि पार्टी उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहेगी। पार्टी ने कहा कि.ममता बनर्जी से अल्वा का अच्छा संबंध है ,लेकिन जिस तरह उनकी उम्मीदवारी के लिए कोई विचार नहीं किया गया। जिसके बाद पार्टी निर्णय लिया है कि वह इस चुनाव से दूर रहेगी।
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