शिवसेना से बगावत कर शिंदे ने शिवसेना का एक अलग गुट बना लिया है| भाजपा के साथ सरकार बनाने के बाद विधायक और सांसद शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं| अब दो और विधायक शिंदे गुट में शामिल होने जा रहे हैं को लेकर शिंदे समूह के मंत्री केंद्रीय मंत्री संदीपन भुमरे ने सांकेतिक बयान दिया है|
केंद्रीय मंत्री संदीपन भुमरे ने दावा करते हुए कहा कि शिवसेना के दो विधायक जल्द ही शिवसेना छोड़कर शिंदे सेना में शामिल होंगे। शिवसेना से बगावत कर 40 बागी विधायक शिंदे गुट बनाकर शिवसेना को जबर्दस्त पटखनी दी है और शिवसेना के विधायक अभी भी शिंदे गुट की राह पर हैं|
भुमरे ने उद्धव ठाकरे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मैंने शिवसेना छोड़ दी और शिंदे समूह में शामिल हो गया। मैंने राज्य मंत्री का पद मांगा था, लेकिन मुझे कैबिनेट मंत्री पद दिया गया है, जब मैं शिंदे के साथ गया तो मैंने यह नहीं सोचा कि अगर मैं अपना पद खो दूं तो क्या होगा। उद्धव ठाकरे अब किसी से भी मिलने को तैयार हैं| लेकिन उनके पास ढाई साल तक हमसे मिलने का समय नहीं था।
केंद्रीय मंत्री ने कहा आदित्य ठाकरे की संवाद यात्रा जारी है, लेकिन, उनके दौरे पर जो भीड़ इकट्ठा होती है, वह गरुड़या नाटक देखने के लिए आने वाली भीड़ से कम होती है|
इस बीच जलगांव स्थित राकांपा कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष जयंत राव पाटिल की मौजूदगी में राकांपा की बैठक हुई| इस बैठक में एनसीपी नेता एकनाथ खडसे भी मौजूद थे| बैठक दोनों नेताओं की उपस्थिति में हुई, लेकिन, इस बैठक के बाद जैसे ही नेताओं ने मुंह मोड़ लिया, कार्यकर्ताओं ने शिंदे समूह का रास्ता चुना|
कई राष्ट्रवादी कार्यकर्ता शिंदे समूह में शामिल हो गए हैं। शिंदे गुट के मुक्ताईनगर के निर्दलीय विधायक चंद्रकांत पाटिल के नेतृत्व पर भरोसा करते हुए सरोला, रीगांव से एनसीपी के सैकड़ों कार्यकर्ता शिंदे समूह में शामिल हो गए हैं| इसलिए एनसीपी को भी बड़ा झटका लगा माना जा रहा है|
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