उत्तर प्रदेश क़े मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का सोमवार क़ो निधन हो गया। वे 82 साल क़े थे। मुलायम सिंह लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। उन्हें मेदांता अस्पताल में भर्ती किया गया था। उन्हें आईसीयू और क्रिटिकल केयर यूनिट पर रखा गया था। मुलायम सिंह क़े निधन की पुष्टि अखिलेश यादव ने भी की है। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल इस संबंध में एक पोस्ट कर इसकी जानकारी दी। बताया जा रहा है कि मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार सैफई में मंगलवार को किया जाएगा।
मुलायम सिंह क़े निधन पर पीएम मोदी अमित शाह और सीएम योगी आदित्यनाथ ने दुःख जताया है। मुलायम सिंह के निधन पर राज्य में तीन दिन का शोक घोषित किया गया है। मुलायम सिंह पहले पहलवानी किया करते थे इसके बाद उन्होंने अध्यापक की नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखा था। मुलायम सिंह ने राजनीतिक काल में ऐसे कई निर्णय लिए जो राजनीति में इतिहास बन गए।
गौरतलब है कि अयोध्या में राम मंदिर के लिए आंदोलन किया जा रहा था। वे उस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। 1990 में आंदोलनकारी कारसेवकों पर गोलियां चला दी थी। इस घटना में कई लोग मारे गए। उनके फैसले आज भी काफी आलोचना होती है। एक बार उन्होंने कहा था कि उनका यह फैसला आसान नहीं था। एक वह दिन समय और आज का दिन जब उसी जगह भव्य राम मंदिर बनाया जा रहा है। उनकी पार्टी राज्य में अंतिम साँस ले रही है। परिवार बिखर गया है।
वहीं 1992 में मुलायम सिंह जनता दल से अलग होकर अपनी समाजवादी पार्टी बनाई। जिसमें पिछड़ा और अल्पसंख्यकों के साथ लाकर तीन बार मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली थी। उनका एक और फैसला मनमोहन की सरकार बचाई थी। यह बात 2008 की हैं।अमेरिका से परमाणु करार के बाद वाम दलों ने अपना समर्थन ले लिया था। उसके बाद मुलायम सिंह ने मनमोहन सरकार को समर्थन देकर सरकार बचाई थी।
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