प्रधानमंत्री मोदी के अयोध्या आगमन को लेकर तैयारियां जोरों शोरों पर चल रही हैं। 23 अक्तूबर की शाम 4:45 बजे साकेत महाविद्यालय में बने हेलीपैड पर प्रधानमंत्री मोदी का चॉपर उतरेगा। वहां से प्रधानमंत्री 4:55 बजे रामलला का दर्शन-पूजन करने रामजन्मभूमि परिसर पहुंचेंगे। दर्शन के बाद शाम 5:05 पर राम मंदिर निर्माण कार्य का अवलोकन कर पूजन करेंगे। पुन: 5:40 बजे रामकथा पार्क में आयोजित भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक समारोह में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री अयोध्या पहुंचकर मां सरयू का पूजन-अर्चना भी करेंगे। सरयू पूजन के लिए विशेष तैयारियां की गई हैं।
उत्तर प्रदेश के अयोध्या का छठा दीपोत्सव जहां मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के त्रेता युग में लंका विजय करके अयोध्या पहुंचने के समय का दिव्य और भव्य दृश्य सृजित कर रहा है, तो वहीं दीपोत्सव के प्रमुख कार्यक्रम राम राज्याभिषेक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वशिष्ठ की भूमिका निभाते नजर आएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को दीपोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अयोध्या पहुंचेंगे। इसके बाद राम कथा पार्क में आयोजित राम राज्याभिषेक में वशिष्ठ की भूमिका निभाते हुए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम को तिलक करेंगे। अयोध्या में पीएम मोदी का करीब तीन घंटे का कार्यक्रम तय है। वहीं प्रधानमंत्री विराजमान रामलला स्थल पर दर्शन-पूजन करेंगे और श्री राम जन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन रामलला के मंदिर के कार्य को भी देखेंगे। शाम 6:25 बजे 51 सौ बत्ती की विशेष आरती से प्रधानमंत्री मां सरयू की आरती करेंगे। इस दौरान उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री भी मौजूद रहेंगे।
दरअसल इस साल दीपोत्सव भव्यतम ढंग से मनाया जाएगा। इस धार्मिक आयोजन के देश-विदेश के कई प्रमुख अतिथि साक्षी होंगे। हालांकि प्रधानमंत्री कार्यालय से चयनित विशिष्ट व्यक्ति ही सरयू आरती के कार्यक्रम में शामिल हो सकेंगे। पीएम यहां पर कई परियोजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास संबंधित कार्यक्रम के बाद अपना संबोधन देंगे। उसके उपरांत शाम 6:25 बजे मां सरयू की आरती करने पहुंचेंगे। इसके बाद 6.40 पर राम की पैड़ी पर आयोजित दीपोत्सव का शुभारम्भ विशेष दीप प्रज्जवलित कर करेंगे। वहीं 7:25 बजे सरयू पुल से होने वाली हरित आतिशबाजी का भी आनंद लेंगे। राम कथा पार्क में होने वाले रामलीला मंचन में आठ देश और देश के 10 राज्यों की रामलीलाएं अपने क्षेत्र की कला और संस्कृति पर आधारित मंचन करेंगे। फिलहाल पल-पल सजती और सामर्थ्य अयोध्या और अयोध्यावासी दीपोत्सव के चरमोत्कर्ष की मन हृदय और भावनाओं से प्रतीक्षा कर रहे हैं।
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