राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट के एफसीआरए लाइसेंस, जो गांधी परिवार से जुड़े हैं, को मोदी सरकार ने एफसीआरए अधिनियम का उल्लंघन करने के लिए रद्द कर दिया है। भाजपा ने राजीव गांधी फाउंडेशन पर चीनी दूतावास से फंड लेने का आरोप लगाया था| इसके बाद इस मामले की जांच के लिए 2020 में केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से एक कमेटी का गठन किया गया था।
इस बीच, राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट दोनों के प्रमुख सदस्यों में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता शामिल हैं। साथ ही राजीव गांधी फाउंडेशन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम भी सदस्य हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आरोप लगाते हुए ट्रस्ट के बारे में कहा कि 25 जून, 2020 को भाजपा ने राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट दोनों को मिले विदेशी फंड पर सवाल उठाए| उन्होंने कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन ने 2005-06 में एक अध्ययन के लिए चीनी दूतावास से धन स्वीकार किया। हालांकि, इस अध्ययन से देश को बिल्कुल भी फायदा नहीं हुआ है।
दिलचस्प बात यह है कि यह आरोप भाजपा द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा अरुणाचल प्रदेश को चीन द्वारा किये जा रहे दावे के बाद लगाया गया था। उस समय जे. पी। नड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस की आलोचना की| उन्होंने कांग्रेस से कहा कि जिन लोगों ने चीन से पैसा लिया है, उन्हें देश की सुरक्षा के बारे में बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
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