दीपोत्सव के लिए बीते कई दिनों से अयोध्या को सजाया जा रहा है। जिसमें नगर के 51 द्वारों को भव्य रूप दिया गया। दीपोत्सव के आयोजन को सफल बनाने में 200 शिक्षकों, 150 कर्मचारियों व करीब 100 से ज्यादा पुरातन छात्रों के अलावा 22 हजार वालंटियर्स ने लगातार परिश्रम किया। हजारों की संख्या में लगकर वालंटियर्स ने दीप बिछाए। यह दीप राम की पैड़ी पर सजाए गए दिये।
अयोध्या में आयोजित किए गए इस ऐतिहासिक दीपोत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी ने इस अवसर को और भी यादगार बन दिया हैं। हालांकि यह पहला मौका है जब पीएम मोदी दीपोत्सव के कार्यक्रम में मौजूद रहे। उन्होंने दीपोत्सव का शुभारंभ करने से पहले रामलला के दर्शन किए और राम मंदिर निर्माण की प्रगति की जानकारी ली। पीएम मोदी ने सरयू तट पर आरती उतारी और सभी को दीपावली की शुभकामनाएं दी।
इसके बाद उन्होंने दीपोत्सव का शुभारंभ किया। 15 लाख दीपों के जलते ही राम की नगरी जगमगा उठी। पीएम मोदी ने कहा कि दीपोत्सव का यह भव्य आयोजन भारत के सांस्कृतिक जागरण का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि भारत ने अतीत में एक से बढ़कर एक समस्याओं का सामना किया है और फिर उससे निकलकर एक गौरवशाली भविष्य का निर्माण किया है। यह सिर्फ इसलिए रहा है क्योंकि हमने दीप जलाना नहीं छोड़ा है। दीपक खुद जलकर अंधेरे को खत्म करता है। यह भारत के पराक्रम को दर्शाता है। सदियों बाद अयोध्या जगमगा रही है।
अयोध्या में इस बार दीपोत्सव पर 15 लाख 76 हज़ार 995 दीप जलाए गए। जो कि एक रिकॉर्ड है। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के अधिकारियों ने इसका प्रमाण पत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दिया। भव्य दीपोत्सव अयोध्या की पहचान बन चुका है। हर साल के आयोजन में दियों की संख्या बढ़ाई जाती है। लाखों की दियों की रोशनी से सरयू का तट जगमगा उठा।
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