चीन की हालत इस समय काफी बिगड़ी हुई हैं। चीन की सबसे बड़ी मुसीबत कोरोना बना हुआ है। लगातार बढ़ते कोरोना मामलों के चलते चीन सरकार को लॉकडाउन लगाना पड़ रहा है। इससे वहां पर स्थित दुनिया की बड़ी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को भी भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी इनमें से एक है, जो कि एप्पल के लिए आईफोन बनाती है। दरअसल चीन के झेंगझोऊ में फॉक्सकॉन के प्रमुख प्लांट वाले एरिया में 7 दिनों का लॉकडाउन लगा दिया गया है। इसके साथ ही कंपनी को अपने करीब दो लाख कर्मचारियों में से कुछ को क्वारंटाइन में भेजना पड़ा। वहीं, कई तो इससे बचने के लिए प्लांट से भाग गए। वहीं, सोशल मीडिया पर ऐसी संभावनाएं भी जताई जा रही हैं कि कंपनी के कुछ संक्रमित कर्मचारियों की मृत्यु हो गई है। यह लॉकडाउन 9 नवंबर तक चलेगा। इससे दुनिया की सबसे बड़ी आईफोन फैक्ट्री एक तरह से ठप पड़ जाएगी।
अचानक से हुई यह कार्रवाई चीनी सरकार की जीरो कोविड पॉलिसी को दर्शाती है। सोशल मीडिया पर इस कंपनी से संबंधित फोटोज और वीडियोज सामने आए है, जिनमें दुनिया की सबसे बड़ी आईफोन फैक्ट्री के कर्मचारी कथित तौर पर प्लांट से भागते दिखे। रिपोर्ट के अनुसार, ये कर्मचारी खाने की कमी से जूझ रहे हैं और पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर दूर स्थित अपने घरों की ओर निकल चुके हैं। वहीं चीन को डर है कि फॉक्सकॉन की फैक्ट्री से भाग रहे ये कर्मचारी देश के अन्य हिस्सों में कोरोना फैला सकते हैं।
चीन में कड़े कोविड प्रतिबंधों के चलते वहां स्थित मल्टीनेशनल कंपनियां काफी समय से विकल्प की तलाश में हैं। ऐसे में भारत के लिए मौके बढ़ गए हैं। बता दें कि एप्पल का ताइवान बेस्ड कांट्रैक्टर फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप, विस्ट्रॉन कॉर्प और पेगाट्रॉन कॉर्प दक्षिण भारत में आईफोन तैयार करते हैं। जबकि भारत आईफोन के कुल उत्पादन का एक छोटा हिस्सा ही बनाता हैं। लेकिन अब इसमें तेजी से वृद्धि हो रही है। अप्रैल से अगस्त के बीच भारत की तरफ से आईफोन 11, आईफोन 12, आईफोन 13 का निर्यात किया गया है। वहीं भारत में टाटा ग्रुप भी आईफोन के पार्ट्स बना रहा है।
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