प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनुकले ने दावा किया कि साल 2034 तक कांग्रेस और राकांपा महाराष्ट्र और देश में सत्ता में नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि साल 2034 तक कांग्रेस और राकांपा को आराम है। जबकि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को महाराष्ट्र में 45 से अधिक और विधानसभा चुनाव में 200 से अधिक सीटें मिलेंगी।
राकांपा के कुछ विधायकों का कहना है कि अजित का भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने का फैसला सही था। क्योंकि उन्हें लगता है कि अजित और भाजपा की सरकार का राज्य में 5 सालों तक शासन रहता। राकांपा के कई विधायक मानते हैं कि राकांपा अध्यक्ष शरद पवार का शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ मिलकर महाविकास आघाड़ी सरकार बनाने का फैसला गलत था। क्योंकि महाविकास आघाड़ी सरकार ढाई साल ही चल सकी है। बावनुकले ने कहा कि पवार ने उद्धव का बुद्धिभ्रंश करके महाविकास आघाड़ी सरकार बनाई थी। उद्धव कांग्रेस और राकांपा के ऑटो रिक्शा पर बैठे थे। वह ऑटो रिक्शा अब पंक्चर हो गया है।
बावनुकले ने कहा कि राज्य से उद्योग जाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की गैर मौजूदगी जिम्मेदार हैं। उद्धव मंत्रालय में आते ही नहीं थे तो वे उद्यमियों को कैसे मिलेंगे? उद्धव ने ढाई सालों में किसी विधायक के पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किया था। बावनुकले ने कहा कि मैं जिम्मेदारा से कह रहा हूं कि उद्धव से मिलने के लिए उनके निजी सचिवों को चार-चार घंटा तक इंतजार करना पड़ता था। इस बीच बावनुकले ने कहा कि लव जिहाद के मामले को रोकने के लिए राज्य सरकार को सख्त कानून बनाना चाहिए।
सत्ता जाने से बेचैन हैं अजित पवार: बावनकुले ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार की सत्ता जाने के कारण विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार काफी बेचैन हैं। सत्ता जाने की परेशानी अजित पवार के चेहरे पर दिखती है। पवार परिवार में भी खलबली मची हुई है। वे कानून व्यवस्था और पुलिस सुरक्षा को लेकर सरकार पर तथ्यहीन आरोप लगा रहे हैं। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सत्ता और पुलिस का कभी दुरुपयोग नहीं किया है। उलटे महाविकास आघाड़ी सरकार में कई गुड़ों को पुलिस सुरक्षा दी गई थी। मंत्रियों के करीबियों को वाई प्लस सुरक्षा और पायलट गाड़ी दी गई थी।
कम की गई थी फडणवीस की सुरक्षा: बावनकुले ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार ने तत्कालीन विपक्ष के नेता तथा पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ धोखा किया था। महाविकास आघाड़ी सरकार ने पहले फडणवीस की सुरक्षा कर्मियों को कम किया। फिर पायलट गाड़ी भी ले लिया। इसके बाद फडणवीस के काफिले की बुलेट प्रूफ गाड़ी भी ले ली गई थी। महाविकास आघाड़ी सरकार के मंत्रियों के वाहन के आगे और पीछे दो-दो सायरन गाड़ी चलती थीं।
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