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Thursday, November 14, 2024
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​​मेट्रो परियोजना: ​ठाकरे पिता-पुत्र से ​दस हजार करोड़​ ​वसूलने की मांग !​- भाजपा

ठाकरे पिता-पुत्र पर ​आरोप लगाया कि यह​ देशद्रोह है और अब महाराष्ट्र राज्य के बारे में औद्योगिक क्षेत्र में संदेह का माहौल पैदा कर ​देशद्रोही हो ​रहे​​ ​हैं​​।

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उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे की बचकानी जिद से साफ हो गया है कि मेट्रो कारशेड बंद होने से मुंबईवासियों पर दस हजार करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ा है|​​ प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने सीधे तौर पर ​ठाकरे पिता-पुत्र पर ​आरोप लगाया कि यह देशद्रोह है और अब महाराष्ट्र राज्य के बारे में औद्योगिक क्षेत्र में संदेह का माहौल पैदा कर देशद्रोही हो रहे​​ हैं​​

​इस दौरान उपाध्याय ने मेट्रो का काम रोकने के लिए उद्धव और आदित्य ठाकरे पिता-पुत्र से 10 हजार करोड़ वसूलने की भी मांग की| वे प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर प्रदेश प्रवक्ता अतुल शाह भी उपस्थित थे|

उन्होंने यह भी संदेह जताया कि क्या ठाकरे पिता और पुत्र की साजिश ​​मेट्रो परियोजना के परिणाम​ का​ अध्ययन के बिना कार शेड के काम को निलंबित करते हुए मुंबईकरों को सुविधाओं से वंचित करने की थी और जानबूझकर इस रिपोर्ट को दबा दिया गया था कि कार शेड का निर्माण आरे में ही किया जाना चाहिए।

मनोज सौनिक कमेटी ने 2020 में ठाकरे सरकार को स्पष्ट रिपोर्ट दी थी कि आरे में ही मेट्रो कारशेड बनाया जाए|​​ अब जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी आरे में मेट्रो कारशेड बनाने को हरी झंडी दे दी है, ठाकरे की जिद की पोल खुल गई है|​​
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पहले ही वेदांता-फॉक्सकॉन परियोजना के बारे में तथ्यों को स्पष्ट कर चुके हैं। उपाध्याय ने कहा कि आदित्य ठाकरे की इस जिम्मेदारी को आगे बढ़ाकर महाराष्ट्र को गुमराह करने की कोशिश कुछ भी नहीं है, बल्कि यह बार-बार स्पष्ट किया गया है कि उद्धव ठाकरे की घर से शक्ति का प्रयोग करने की जिद के कारण महाराष्ट्र से कई परियोजनाओं पर पानी फिर गया है|​ ​
 
​आदित्य ठाकरे द्वारा दिखाए गए दस्तावेज शिंदे-फडणवीस सरकार द्वारा फॉक्सकॉन को महाराष्ट्र से बाहर जाने से रोकने के लिए किए गए प्रयासों की गवाही देते हैं। उपाध्याय ने यह भी चुनौती दी कि महाराष्ट्र में इस परियोजना को पूरा करने के लिए उद्धव ठाकरे सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के प्रमाण के रूप में आदित्य ठाकरे को कम से कम एक दस्तावेज दिखाना चाहिए।
यह ठाकरे पिता-पुत्र की यह भ्रांति फैलाने की साजिश है कि राज्य में औद्योगिक जगत में निवेश के लिए उपयुक्त माहौल न​​हीं है और इस कारण फिर से जड़विहीन फसलें उगाई जा रही हैं|​ ​ उपाध्याय ने यह भी कहा कि राज्य में सिनार्मस जैसी नई परियोजनाएं आ रही हैं, रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं, शिंदे फडणवीस सरकार द्वारा 75 हजार पदों को भरने का अभियान ​भी ​चलाया गया है|​ ​
 
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