महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद हुसैन दलवई ने महिलाओं से विरोध करने का आग्रह किया है। हुसैन दलवई ने कहा कि जब तक कोई शिकायत नहीं करता तब तक इस तरह का हस्तक्षेप फासीवादी कृत्य और असंवैधानिक है। डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर ने कहा है कि अंतरजातीय और अंतरधार्मिक विवाह जाति उन्मूलन का समाधान है। माता-पिता के खिलाफ जाकर शादी करने वालों की रक्षा करने के बजाय, यह स्पष्ट है कि समिति का मुख्य उद्देश्य उन माता-पिता की मदद करना है जो शिकायत करते हैं कि उनके बच्चों को बहला-फुसलाकर भगा दिया गया है।
महिलाओं के लिए इतनी हमदर्दी दिखाने वाले यह मांग क्यों नहीं करते कि बिलकिश बानो के दोषियों को गिरफ्तार किया जाए? महाराष्ट्र में लाखों ऐसी परितक्ता हैं जिनकी शादी एक ही जाति में हुई है और उनके माता-पिता की सहमति से हुई थी। राज्य सरकार उनकी सुरक्षा की योजना क्यों नहीं बना रही है? घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं के लिए घरेलू हिंसा विरोधी अधिनियम बनाया गया था लेकिन आप इसके क्रियान्वयन के लिए आवश्यक तंत्र और नियम कब बनाने जा रहे हैं। हुसैन दलवई ने आलोचना करते हुए कहा है कि इसके पीछे छिपा मकसद है। गौरतलब है की मंत्री लोढ़ा पहले ही कह चुके हैं की श्रद्धा वाल्कर हत्याकांड को देखते हुए सरकार ने यह कमेटी बनाई है।
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