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Monday, November 25, 2024
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क्या है हिंडनबर्ग, क्यों किया अडानी ग्रुप को टारगेट जानिये सबकुछ

नाथन एंडरसन ने कंपनी की शुरुआत में 2017 में की गई थी

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पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया में एक कंपनी की खूब चर्चा हो रही है। यह कंपनी है हिंडनबर्ग जो अडानी ग्रुप का पतीला लगा दी। अडानी ग्रुप के शेयर लगातार गिर रहे हैं। इसके अलावा गौतम अडानी अरबपतियों की लिस्ट में भी कई पायदान खिसक गए हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर हिंडनबर्ग कंपनी क्या है,उसका काम क्या है आदि। तो आइये जानते हैं कि हिंडनबर्ग की वजह से क्यों अडानी ग्रुप के शेयर धड़ाम हुए।

2017 में कंपनी की स्थापना: इस कंपनी के मालिक का नाम नाथन एंडरसन हैं। इस शख्स की हिंडनबर्ग कंपनी ब्रिटेन में है।  इस कंपनी की शुरुआत में 2017 में की गई थी। नाथन ने यह कंपनी कुछ समय तक एक डाटा रिसर्च कंपनी में नौकरी करने के बाद की। नाथन यहां पैसों के इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट से जुड़े  काम देखते थे। इस दौरान उन्होंने  डेटा और शेयर मार्केट की बारीकियों को समझा और बाद में उन्होंने अपनी कंपनी शुरू की। उनकी यह कंपनी फाइनेंशियल रिसर्च का काम करती है।

कंपनी का यह है काम: ऐसे में सवाल उठता है कि हिंडनबर्ग शेयर मार्केट से जुड़े किस काम पर अपना फोकस करती है। तो हिंडनबर्ग अपने रिसर्च में  शेयर मार्केट, इक्विटी, क्रेडिट आदि कामों को लेकर अपना रिसर्च करती है। इसमें वह यह पता करती है कि कहीं इस बाजार में गलत तरह से पैसा तो नहीं लगाया गया है यानी उसकी फेरफेरी तो नहीं की जा रही है। बड़ी कंपनियां अपने खातों को  बैलेंस करने के लिए  कोई धोखाधड़ी तो नहीं कर रही हैं। शेयर मार्केट में एक दूसरे को कंपनियां नुकसान तो नहीं पहुंचा रही हैं। यही इस कंपनी का काम है। इसके बाद यह कंपनी एक रिपोर्ट तैयार करती है और उसे पब्लिश करती है।

ऐसे पड़ा हिंडनबर्ग नाम: इस कंपनी के नाम में से जुड़े नाम की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। बताया जाता है कि ब्रिटेन के मैनचेस्टर शहर में हिंडनबर्ग नामक एक जर्मन एयर स्पेशशिप क्रैश हो गया था। उसी के नाम पर इसका नाम रखा गया है। कहा जाता है कि इस एयर स्पेसशिप में क्षमता से अधिक  लोग विमान में सवार थे। नाथन का मानना था कि स्पेसशिप कंपनी इस हादसे को रोक सकती थी लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।नाथन के दिमाग पर इसका गहरा असर हुआ था ,जिसके बाद उसने 2017 जब उन्होंने अपनी कम्पनी की स्थापना की तो उसका नाम हिंडनबर्ग रखा। यह हादसा 1937 में हुआ था।

अडानी पर ये हैं आरोप: वहीं अब सवाल यह उठता है कि हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप को ही क्यों चुना। तो मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि कम्पनी अडानी ग्रुप को जानबूझकर टारगेट किया है और उसके खिलाफ रिपोर्ट तैयार कर उसे जारी की। कंपनी अडानी ग्रुप पर दो साल तक रिसर्च की। जिसमें  हिंडनबर्ग ने  आरोप लगाया है कि अडानी ग्रुप ने शेयर मार्केट में  हेराफेरी कर अपने शेयरों की कीमत बढ़ावाई है। इसके अलावा हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि अडानी के भाई दुबई में बैठकर हेराफेरी का ही काम कर रहे हैं। वहीं आरोप लगा है कि अडानी ग्रुप ने अपनी हैसियत से ज्यादा कर्ज लिया है।

निकोला हुई कंगाल: बता दें कि हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप को निशाना बनाने से पहले और भी कई कपंनियों की रिपोर्ट जारी कर उन्हें कंगाल कर चुकी है। 2020 में अमेरिका की ट्रक बनाने वाली कंपनी निकोला के शेयर में तेजी थी। जिसके बॉस हिंडनबर्ग ने इसके खिलाफ एक रिपोर्ट तैयार जारी की जिसके बाद निकोला कंपनी के शेयर 80 प्रतिशत गिर गए। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि निकोला अपनी कम्पनी और गाड़ियों के बारे में निवेशकों को सही जानकारी नहीं देती है।

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