पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से वित्तीय सहायता पाने के लिए कोई भी शर्त मानने को तैयार है। इसके तहत पाकिस्तान सरकार ने नागरिकों की बिजली खपत पर नया टैक्स लगाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। दिलचस्प बात यह है कि किसान भी इस टैक्स के दायरे में आएंगे।
पाकिस्तान जल्द से जल्द अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 170 अरब रुपये की वित्तीय सहायता प्राप्त करना चाहता है। आईएमएफ के अधिकारियों ने 1.1 अरब डॉलर की अगली किस्त जारी करने के लिए 10 दिनों तक पाकिस्तानी सरकार के अधिकारियों के साथ बातचीत की। लेकिन 9 फरवरी को वह संधि पर हस्ताक्षर किए बिना वाशिंगटन लौट आया।
वित्त मंत्री इशाक डार ने इस चर्चा में पाकिस्तान का नेतृत्व किया। शुक्रवार को उन्होंने मीडिया को बताया कि सोमवार से दोनों पक्षों के बीच बातचीत फिर से शुरू होगी| इससे पहले कुछ कदम उठाने की जरूरत है। डार ने इसके बाद कैबिनेट की आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) की बैठक की अध्यक्षता की। इसमें बिजली पर 3.39 रुपये प्रति यूनियन विशेष अतिरिक्त अधिभार लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी|
इसके अलावा, एक वर्ष के लिए 3.21 रुपये प्रति यूनिट के त्रैमासिक दर समायोजन और लगभग चार महीने के लिए 4 रुपये के लंबित ईंधन लागत समायोजन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। ईसीसी ने शून्य-टैरिफ उद्योगों को बिजली टैरिफ सब्सिडी समाप्त करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। किसान पैकेज पर भी रोक लगा दी गई है। नए फैसले एक मार्च से लागू होंगे। पाकिस्तान सरकार ने आईएमएफ की शर्तों को पूरा करने के लिए यह कदम उठाया है।
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