केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने केंद्र सरकार की योजना पर मुहर लगाते हुए याचिकाकर्ताओं को राहत देने से इनकार किया। कोर्ट ने कहा कि इस योजना में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है। हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि इस योजना को देशहित और सशस्त्र बलों को बेहद सुसज्जित करने के लिए तैयार किया गया है।
बता दें कि अग्निपथ योजना को 14 जून, 2022 को पेश किया गया था। इस योजना के तहत सशस्त्र बलों में युवाओं की भर्ती किए जाने के नए नियम बताए गए थे। इन नियमों के मुताबिक, साढे 17 साल से लेकर 21 साल तक की उम्र के युवा ही इसमें उम्मीदवार हो सकते हैं और इन्हें चार साल के कार्यकाल के लिए शामिल किया जाएगा। वहीं भर्ती किए गए उम्मीदवार में से 25 फीसदी को नियमित सेवा प्रदान करने के लिए चुना जाएगा। इस योजना की घोषणा के बाद से ही देश के कई राज्यों में युवाओं का विरोध प्रदर्शन हुआ था। भारी प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने भर्ती होने के लिए ऊपरी उम्र की सीमा को बढ़ाकर 23 साल कर दिया है। इस योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थी, जिन्हें कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट को ट्रांसफर किया था।
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