अपनी लाठी के बलबूते महिलाओं को उनका अधिकार दिलाने को लेकर सुर्ख़ियों में रही गुलाबी गैंग की राष्ट्रीय कमांडर संपत पाल की लाठी और उनका लिबास गुलाबी साड़ी ब्लाउज और पेटीकोट लंदन के केनसिंगटन डिजाइन संग्रहालय में रखा जाएगा।
गुलाबी गैंग की प्रमुख संपत पाल की मानें तो गुलाबी गैंग संगठन देश के बड़े संगठनों में गिना जाता है। यही कारण है कि इसकी प्रसिद्धि को देखते हुए अब ब्रिटिश संग्रहालय भी इसके सामान को अपने संग्रहालय में शामिल करना चाह रहा है।
कमांडर संपत पाल ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि महिलाओं के हक की लड़ाई के लिए गांव से लेकर शहरों तक कई आंदोलन किये, लगातार सफलता के बाद उनके हौसलें बढ़ते गए और उनका नाम देश विदेश स्तर पर चर्चा में आ गया। गुलाबी गैंग का प्रभाव सबसे ज्यादा बुंदेलखंड क्षेत्र में है। इस दौरान उन्होंने कई राजनैतिक पार्टियां भी जॉइन की लेकिन राजनीति में उन्हें मुकाम नहीं हासिल हुआ। मौजूदा समय में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया है।
कौन है संपत पाल?- बुंदेलखंड क्षेत्र में एक संगठन जिसे गुलाबी गैंग के नाम से जाना जाता है। बहुत कम समय में छोटे से बड़ा रूप ले चुका है। इस गैंग की लीडर संपत पाल हैं, जिन्होंने महिलाओं को जोड़कर एक बड़ा संगठन तैयार किया है। बाकायदा इनकी वेशभूषा भी गुलाबी है। संपत पाल का जन्म 1960 में हुआ, उनकी शादी भी कम उम्र में हो गयी थी। संपत पाल मूल रूप से बिसंडा थाना के तैरी गांव की रहने वाली हैं, उनकी ससुराल चित्रकूट जिले के रौली गांव में है। जहां से उन्होंने अपना गुलाबी गैंग बनाकर समाज की उन तमाम समस्याओं के निवारण एवं हक के लिए आंदोलन किया है। उन्होंने महिलाओं के साथ- साथ बिजली, पानी और किसानों के तमाम संगठनों के आंदोलन की अगुवायी की है। 2006 में गुलाबी गैंग के नाम से एक-एक महिला जोड़कर आज एक बड़ा संगठन तैयार कर दिया।
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