मराठा आरक्षण को लेकर पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद राज्य सरकार सतर्क हो गई है| मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज सहयाद्री गेस्ट हाउस में एक अहम बैठक बुलाई है| इस मुलाकात के बाद राज्य के आबकारी मंत्री शंभूराज देसाई ने प्रतिक्रिया दी| शंभूराज देसाई ने बताया कि इस बैठक में मराठा आरक्षण के लिए क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने का फैसला लिया गया| साथ ही पिछली सरकार द्वारा छोड़ी गई गलतियों को वर्तमान सरकार सुधारेगी और उन गलतियों को रहने नहीं देगी। मंत्री शंभूराज देसाई ने बैठक के बाद कहा कि सरकार मराठा समुदाय के साथ मजबूती से खड़ी है|
सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण से जुड़ी पुनर्विचार याचिका को खारिज करने का फैसला किया है|उसके बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने तुरंत मराठा आरक्षण उप समिति की कैबिनेट बैठक बुलाई| बैठक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मराठा आरक्षण उप-समिति के प्रमुख चंद्रकांत पाटिल और उनके द्वारा नियुक्त सभी मंत्री और आयोगों के प्रमुख, साथ ही वरिष्ठ कानूनी विशेषज्ञ उपस्थित थे।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने चैंबर ऑफ जस्टिस में ही पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है। हम खुली अदालत में अपनी राय सुनना चाहते हैं। लेकिन शंभुराज देसाई ने बताया कि इसे स्वीकार नहीं किया गया|
वास्तव में क्या निर्णय लिया गया था?: मराठा आरक्षण पर राज्य सरकार की पुनर्विचार याचिका को भले ही सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया हो, लेकिन मराठा आरक्षण के दरवाजे अभी बंद नहीं हुए हैं| राज्य सरकार आरक्षण पाने के लिए दृढ़ संकल्पित है और एक मजबूत कानूनी लड़ाई लड़ेगी। उपचारात्मक याचिका दायर करने का फैसला आज मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में हुई बैठक में लिया गया।
उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील, बंदरगाह मंत्री दादा भुसे, राज्य के आबकारी मंत्री शंभुराज देसाई, उद्योग मंत्री उदय सामंत, खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री रवींद्र चव्हाण, और विधायक प्रवीण दरेकर, भारत के पूर्व न्यायाधीश, सह्याद्री गेस्ट हाउस में उपस्थित थे। मुंबई में एमजी गायकवाड, महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ, एड विजय थोराट, अन्नासाहेब पाटील आर्थिक पिछड़ा विकास निगम के अध्यक्ष नरेंद्र पाटील ने बैठक की थी|
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करने की प्रक्रिया तत्काल की जानी चाहिए, इसके अलावा अब हमें मराठा समुदाय के पिछड़ेपन को साबित करने के लिए एक व्यापक सर्वेक्षण करना है| इस सर्वेक्षण के दौरान नियुक्त संस्था का निष्पक्ष और कुशल होना आवश्यक है। इस संस्था को सभी प्रकार की सुविधाएं, जनशक्ति, प्रशासन का सहयोग उपलब्ध कराया जाए|
इस मौके पर सामाजिक न्याय विभाग के सचिव सुमंत भांगे ने कहा कि राज्य सरकार ने बहुमत के पद पर मराठा समुदाय के 3100 उम्मीदवारों को नियुक्त किया है| सारथी के माध्यम से समाज के बच्चों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।
शंभूराज देसाई ने बताए अहम बिंदु: राज्य सरकार को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं मिला.मराठा आरक्षण के लिए महाराष्ट्र सरकार क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करेगी|मराठा समाज के पिछड़ेपन को साबित करने के लिए सर्वे कराया जाएगा। हर कैबिनेट बैठक से पहले मराठा आरक्षण उप समिति की बैठक होगी। सरकार मराठा समुदाय के साथ मजबूती से खड़ी है। पिछली सरकार द्वारा छोड़ी गई गलतियों को इस बार अनुमति नहीं दी जाएगी।
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