उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से बसपा सांसद अफजाल अंसारी को गैंगस्टर मामले में गाजीपुर की MP/MLA कोर्ट ने 4 साल की सजा सुनाई थी। अफजाल के भाई माफिया मुख्तार अंसारी को भी गैंगस्टर मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई थी। मुख्तार पर 5 लाख और अफजाल पर 1 लाख रुपए का जुर्माना कोर्ट ने लगाया था। मुख्तार पहले से ही बांदा जेल में बंद है। सजा सुनाए जाने के 56 घंटे बाद अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता भी चली गई। पिछले कुछ हफ़्तों के दौरान लोकसभा सदस्यता गंवाने वाले अफजाल दूसरे नेता हैं। इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ‘मोदी उपनाम’ वाले बयान को लेकर सूरत की एक अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद अपनी लोकसभा सदस्यता खो चुके हैं।
नियम के मुताबिक, 2 साल या इससे ज्यादा की सजा पर सांसदों या विधायकों को सदन की सदस्यता के अयोग्य घोषित कर दिया जाता है और उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाती है। इस सूची में आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला की भी सदस्यता सजा होने के बाद जा चुकी है। इसके अलावा बीजेपी विधायक विक्रम सैनी की भी हाल ही में 2013 दंगों में दोषी करार दिए जाने के बाद सदस्यता खत्म कर दी गई थी।
अंसारी भाइयों पर गैंगस्टर एक्ट का ये मामला 2007 में कृष्णानंद राय की हत्या के दो साल बाद दर्ज किया गया था। केस में राय की हत्या के बाद हुई आगजनी और कारोबारी नंद किशोर रुंगटा की अपहरण-हत्या को आधार बनाया गया था। हालांकि कृष्णानंद राय की हत्या मामले में कोर्ट अंसारी भाइयों को बरी कर चुका है, लेकिन गैंगस्टर एक्ट का यह मामला इसी से जुड़ा है।
अफजाल के राजनीति करियर की बात करें तो अफजाल अंसारी साल 2004 में पहली बार सांसद चुने गए थे। इसके बाद 2005 में उन्हें कृष्णानंद राय हत्याकांड मामले में जेल जाना पड़ा था। साल 2009 में उन्हें सपा से टिकट नहीं मिला तो वह बीएसपी में शामिल हो गए थे। इस बार उन्हें जीत नहीं मिली और सपा के प्रत्याशी से अफजाल चुनाव हार गए। साल 2014 में बलिया सीट से उन्होंने कौमी एकता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन फिर उन्हें हार मिली। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में वह अपने पूरे परिवार के साथ बीएसपी में शामिल हो गए थे।
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