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Sunday, November 24, 2024
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सुप्रिया या अजित एनसीपी का अगला बॉस कौन?

एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर राजनीति गलियारे में सनसनी फैला दी। ऐसे में कई सवाल भी उठ रहे हैं। सवाल किया जा रहा है कि क्या शरद पवार और अजित पवार के बीच जारी मनमुटाव के कारण उन्होंने यह फैसला लिया। इसके साथ यह सवाल उठ रहे कि एनसीपी का अगला बॉस कौन होगा?

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2024 के लोकसभा चुनाव से पहले शरद पवार ने गुगली चला दी है। मंगलवार को एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर राजनीति गलियारे में सनसनी फैला दी। ऐसे में कई सवाल भी उठ रहे हैं। सवाल किया जा रहा है कि क्या शरद पवार और अजित पवार के बीच जारी मनमुटाव के कारण उन्होंने यह फैसला लिया। हालांकि, कुछ लोगों का यह भी कहना है कि शरद पवार की उम्र भी हो गई है तो इसलिए ऐसा फैसला लिया। शरद पवार ने भी कहा कि वह लंबे से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं, इसलिए अब वे रिटायर होना चाहते हैं। बहरहाल, एनसीपी के अध्यक्ष का चुनाव एक समिति करेगी। जिसमें वरिष्ठ नेताओं को शामिल किया गया है। इसके साथ ही जो सवाल उठ रहे वह यह कि एनसीपी का अगला बॉस कौन होगा? फिलहाल तो तीन नाम चर्चा में है। तो आज हम इसी मुद्दे पर बात करते हैं।

गौरतलब है कि शरद पवार ने मंगलवार को अपनी आत्मकथा “लोक माझे सांगाती” के दूसरे संस्करण के विमोचन के अवसर पर यह ऐलान किया। इस पुस्तक में 70 पन्ने और जोड़े गए हैं।  सबसे बड़ी बात यह है कि इस पुस्तक में 2019 के उस घटना का भी जिक्र किया गया है। जिसमें अजित पवार ने बीजेपी के साथ जाकर उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले लेते हैं। बाद में  80 घंटे के बाद अजित पवार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और फिर महाविकासा अघाड़ी की सरकार में उपमुख्यमंत्री बने थे। हाल ही में शरद पवार और अजित पवार में मनमुटाव की खबरें भी आई थीं, और कहा गया था कि अजित पवार बीजेपी का दामन थामेंगे।

हालांकि, अभी तक ऐसी कोई घटना सामने नहीं आई है, लेकिन शरद पवार ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर कई सवाल खड़ा कर दिए। इससे पहले एक कार्यक्रम में शरद पवार ने कहा था कि रोटी बदलने का समय आ गया है। तो क्या शरद पवार ने रोटी को सही समय पर पटलटे है, यह भी सवाल उठेगा ? क्योंकि पिछले साल जब दिल्ली में एनसीपी की कार्यकारिणी की बैठक हुई थी तो यहां शरद पवार को चार साल के लिए सर्वसम्मति से पार्टी का अध्यक्ष चुना गया था। उस समय शरद पवार ने ऐसा कुछ भी नहीं कहा था कि उनका यह आखिरी कार्यकाल है। उन्होंने ऐसा कोई संकेत भी नहीं दिया था। लेकिन, बैठक से अजित पवार के उठकर जाने की खबर सुर्खियां बनी थी। कहा गया था कि अजित पवार नाराज हैं। मगर अजित पवार ने इसे नकार दिया था।

दूसरा सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या शरद पवार का पावर पार्टी में कम हुआ है। क्योंकि जिस तरह से अजित पवार के बारे में पिछले कुछ दिनों से मीडिया में लेकर खबरें आ रही थी। उससे साफ़ कहा जा सकता है कि अजित पवार की महत्वकाक्षां बड़ी है। जिसमें उन्होंने कहा था कि वे सौ प्रतिशत महाराष्ट्र के सीएम बनना चाहते है। इस्तीफे के ऐलान के बाद भी उन्होंने  कार्यकर्ताओं से कहा कि वे बार बार इस्तीफा वापस लेने के लिए दबाव न डाले। बता दें कि शरद पवार के इस्तीफे बाद एनसीपी कार्यकर्ताओं ने छाती पीटकर रोते नजर आये।

हालांकि एनसीपी के कुछ नेताओं ने शरद पवार के निर्णय का समर्थन किया है। जिसमें अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल शामिल थे। वहीं जयंत पाटिल, जितेंद्र आव्हाड सहित कई नेता भावुक नजर आये। वहीं, यह भी कहा जा रहा है कि शरद पवार भले अपने इस्तीफे का ऐलान अचानक किया हो, लेकिन परिवार में इस बात को लेकर चर्चा परिचर्चा हो चुकी है। जिस तरह से अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल ने शरद पवार का समर्थन किया, उस आधार पर कहा जा रहा है कि इन दोनों नेताओं और सुप्रिया सुले को इस बात की जानकारी थी।

इन सबसे से अलग मुख्य मुद्दा यह है कि आखिर एनसीपी का अगला बॉस कौन होगा, किसके हाथ में पार्टी की कमान होगी। अभी सबसे ज्यादा चर्चा अजित पवार और सुप्रिया सुले को ही लेकर की जा रही है। लेकिन सबसे ज्यादा उम्मीद अजित पवार को ही पार्टी का अध्यक्ष बनाये जाने की है। इसकी वजह यह है कि पार्टी में अजित पवार की पकड़ मजबूत है। अगर 2019 की घटना का जिक्र करें तो अजित पवार ने अपने समर्थन में खड़े विधायकों की गिनती कर ही इतना बड़ा कदम उठाया था।

हालांकि, उस समय उनका दांव कामयाब नहीं हुआ था। साफ़ है की अगर अजित पवार एनसीपी के अध्यक्ष बनते है तो पार्टी में तोड़ फोड़ की आशंका कम है। अब सुप्रिया सुले की बात करें तो यह बात सही है कि सुले शरद पवार की बेटी हैं, लेकिन उन्हें अध्यक्ष बनाये जाने पर पार्टी में बगावत की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। लेकिन, यह माना जा रहा है कि सुले भी पावर सेंटर में होगी।

मगर, ऐसी संभावना न के बराबर है। इस दोनों नाम में से किसी एक को पद पर बैठाये जाने पर बीजेपी एनसीपी को परिवारवाद को लेकर घेर सकती है। जो पहले से ही बीजेपी उठाती रही है। वहीं, अगर तीसरे व्यक्ति की बात की जाए तो जयंत पाटिल का नाम सामने आ रहा है। अगर इनका नाम अध्यक्ष पद के लिए आगे बढ़ता है तो बीजेपी एनसीपी को नहीं घेर पाएगी। लेकिन पार्टी में तोड़फोड़ होना निचिश्त है। बहरहाल, अब देखना होगा कि शरद पवार क्या अपना इरादा बदलते हैं, या अपने निर्णय पर कायम रहते हैं तो किसे अपनी सत्ता की चाबी सौंपेंगे ? यह देखना बड़ा दिलचस्प होगा, क्योंकि शरद पवार अपनी राजनीति अपने परिवार के इर्दगिर्द रखे हुए थे अब नया अध्यक्ष पार्टी को कैसे चलाएंगे इस पर सभी की निगाहें होंगी और तुलना की जायेगी।
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