ओडिशा के बालासोर में 2 जून की शाम करीब साढ़े सात बजे 3 ट्रेनें हादसे का शिकार हो गई। बीते 12 घंटों से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। इस हादसे में अब तक 233 लोगों की जान जाने की खबर है। वहीं, करीब 900 लोग घायल हैं। इस हादसे के कई घंटे बीत जाने के बाद भी अब तक कई लोगों को यह साफ नहीं है कि आखिर तीन ट्रेनें आपस में टकराईं कैसे? हादसे में घायल कई लोगों ने दुर्घटना को लेकर अलग-अलग वर्जन भी दिए हैं।
कैसे हुआ हादसा- रिपोर्ट्स के मुताबिक, हावड़ा से आ रही कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानगा बाजार स्टेशन से करीब 300 मीटर पहले पटरी से उतर गई। इसका इंजन दूसरे ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी पर चढ़ गया और पीछे की कुछ बोगियां तीसरे ट्रैक पर चली गईं।इस ट्रैक पर हावड़ा-बेंगलुरू एक्सप्रेस आ रही थी, जो तेज रफ्तार में ट्रैक पर पड़ी बोगियों से जा टकराई। इस तरह एक के बाद एक तीन ट्रेनें हादसे का शिकार हो गई।
ओडिशा हादसे का असर करीब 100 ट्रेनों पर पड़ा है। हादसे की वजह से भारतीय रेलवे ने 48 ट्रेनें रद्द कर दी हैं और 39 ट्रेनों के रूट बदले गए हैं। 10 ट्रेनों को कुछ समय के लिए स्थगित किया गया है। कुछ ट्रेनों को आंशिक रूप से रद्द करने की भी खबर है। रेल मंत्री ने कहा है कि जब तक राहत और बचाव कार्य पूरा नहीं हो जाता तब तक रूट को खोला नहीं जाएगा।
रेल मंत्री ने ट्रेन दुर्घटना में मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए मुआवजे की घोषणा की है। हादसे में मरने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को 10 लाख रुपये, गंभीर घायलों को 2 लाख रुपये और मामूली घायलों को 50,000 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। तो वहीं पीएम मोदी ने 2-2 लाख रुपये दिए जाने की घोषणा की है। हादसे के चलते मुंबई-गोवा वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन रद्द कर दिया दिया है। प्रधानमंत्री आज इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाने वाले थे।
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