दुनिया भर में आज यानी 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं के बारे में जागरुकता बढ़ाना साथ ही उनसे निपटने के लिए ठोस कदम उठाने के लिए लोगों को प्रेरित करना है। इसके साथ ही इस दिन जगह-जगह पर पेड़ लगाए जाते हैं ताकि आने वाले समय में हमारी आने वाली पीढ़ी को कोई दिक्कत न हो। इस दिन स्कूल, कॉलेज, ऑफिस और कई संस्थानों में कई तरह के प्रोग्राम कर लोगों को जागरूक किया जाता है।
इस दिन की शुरुआत साल 1972 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गई थी। शुरुआती दौर में यह दिन मानव पर्यावरण पर स्टॉकहोम सम्मेलन की अस्तित्व में सामने आया, बाद में इसे पर्यावरणीय मुद्दों को उजागर करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों की शुरुआत का संकेत दिया गया। इसी के चलते संयुक्त राष्ट्र संघ ने पहला विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून, 1974 को मनाया, जिसके बाद से यह एक प्रमुख वैश्विक कार्यक्रम बन गया और तभी से हर साल इस दिन को मनाया जाने लगा।
दुनिया के कई देश पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं। इनमें भारत भी शामिल है। इस साल विश्व पर्यावरण दिवस का विषय सिंगल इस्तेमाल में आने वाले प्लास्टिकों से छुटकारा पाना है। वहीं विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम में कहा कि भारत के पास इसे लेकर स्पष्ट रोडमैप है।
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया आज इस बारे में बात कर रही है लेकिन, भारत अभी से नहीं, पिछले 4-5 सालों से इस दिशा में काम कर रहा है। भारत ने 2018 में सिंगल यूज प्लास्टिक से निजात पाने के लिए काम शुरू कर दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक तरफ भारत जहां 4जी और 5जी नेटवर्क के विस्तार पर ध्यान केंद्रिय कर रहा तो दूसरी ओर देश में वन क्षेत्र को बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है। पीएम के साथ-साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी देशवासियों से पर्यावरण को बेहतर बनाने और ग्रीन फ्यूचर के लिए निर्माण के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया।
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