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कौन था संजीव माहेश्वरी जीवा?, जिसने की थी दो भाजपा विधायकों की हत्या!

पिछले कुछ समय से उत्तर प्रदेश में अपराधियों के मारे जाने का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है|  पुलिस के सामने मारे गए अतीक अहमद और उसका भाई अतीक अहमद का बेटा पुलिस एनकाउंटर में मारा गया| उसके बाद गैंगस्टर और नेता मुख्तार अंसारी के गुर्गे संजीव माहेश्वरी की लखनऊ की अदालत में गोली मारकर हत्या कर दी गई है|

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पिछले कुछ समय से उत्तर प्रदेश में अपराधियों के मारे जाने का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है|  पुलिस के सामने मारे गए अतीक अहमद और उसका भाई अतीक अहमद का बेटा पुलिस एनकाउंटर में मारा गया| उसके बाद गैंगस्टर और नेता मुख्तार अंसारी के गुर्गे संजीव माहेश्वरी की लखनऊ की अदालत में गोली मारकर हत्या कर दी गई है|
दोस्तों नमस्ते, मैं आर एन सिंह, आप देख रहे हैं न्यूज डंका, दोस्तों आज बात करेंगे उत्तर प्रदेश में माफियाओं और शूटरों की पुलिस कस्टडी हत्या के बढ़ते ट्रेड को, जी हां, तो आइये जानते है| इस एक तरफ, जहां जीरो टेलेरेंस की नीति के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ राज्य में कार्य कर रहे हैं और प्रदेश की जनता को एक भयमुक्त शासन देने अनवरत प्रयासरत है इसके तहत योगी बाबा की ओर से माफियाओं और अपराधियों लगातार नकेल कसी जा रही है|
जी, हां दोस्तों जीवा की कोर्ट परिसर में हत्या में बाद अब बांदा जेल में बंद और आजीवन कारावास भुगत रहे माफिया मुख़्तार अंसारी के भी होश उड़े हुए हैं| जी, हां, दोस्तों मजे की बात यह है कि  हमलावर वकील के वेश में अदालत में दाखिल हुआ और फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस के मुताबिक, उन्होंने हमलावर को हिरासत में ले लिया है। माहेश्वरी को सुनवाई के लिए कोर्ट लाने के बाद हमलावरों ने उन पर फायरिंग कर दी| इस फायरिंग में एक महिला भी गंभीर रूप से घायल हो गई। कौन हैं महेश्वरी जिसे भरी कोर्ट परिसर में मारी गई गोली? उसके खिलाफ क्या अपराध हैं? इसी सिलसिले में यह समीक्षा की गई है।

48 वर्षीय माहेश्वरी के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। उस पर दो भाजपा नेताओं, ब्रह्म दत्त द्विवेदी और कृष्णानंद राय की हत्या का आरोप है। माहेश्वरी को 1997 में द्विवेदी की हत्या में दोषी पाया गया था, जबकि 2005 में उन्हें राय की हत्या के मामले में बरी कर दिया गया था। ब्रह्म दत्त द्विवेदी को 1995 में बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती को गेस्ट हाउस घोटाले से बचाने में उनकी भूमिका के लिए जाना जाता है।मायावती जब अपने विधायकों के साथ एक गेस्ट हाउस में ठहरी हुई थी, तभी समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला कर दिया|

मूल रूप से मुजफ्फरनगर के रहने वाले संजीव माहेश्वरी ने 2017 में राष्ट्रीय लोकदल के टिकट पर यथिकाना से चुनाव भी लड़ा था. लेकिन वह चुनाव हार गए। माहेश्वरी की पत्नी पायल हैं और उनके तीन बेटे और एक बेटी है। पुलिस के मुताबिक, संजीव माहेश्वरी 24 मामलों में अपराधी था।इनमें से 17 में उन्हें बरी कर दिया गया था​​। माहेश्वरी के खिलाफ मुजफ्फरनगर, शामली, हरिद्वार और फर्रुखाबाद में हत्या, अपहरण, रंगदारी, डकैती जैसे गंभीर अपराध दर्ज हैं|​​ संजीव माहेश्वरी आपराधिक दुनिया में कदम रखने से पहले सामान्य जीवन जी रहा था। वह मुजफ्फरनगर में एक डॉक्टर के यहां कंपाउंडर का काम करता था।

बुधवार को विजय यादव नाम का हत्यारा वकील के भेष में लखनऊ की कोर्ट में पेश हुआ| माहेश्वरी में गोली मारने के बाद विजय यादव को अन्य वकीलों ने पकड़ लिया और पीट-पीट कर मार डाला। इस पिटाई में विजय यादव गंभीर रूप से घायल हो गया। माहेश्वरी में गोली लगने से एक महिला व एक पुलिस कांस्टेबल गंभीर रूप से घायल हो गये. इस बीच भार कोर्ट में फायरिंग से आक्रोशित वकीलों ने पुलिस वाहन पर पथराव कर दिया. इसलिए पुलिस को अतिरिक्त बल बुलाना पड़ा।

दिल्ली की एक अदालत ने भाजपा विधायक कृष्णानंद राय और छह अन्य की 2019 की हत्या के मामले में सह-आरोपी मुख्तार अंसारी, उनके भाई अफजाल अंसारी के साथ संजीव माहेश्वरी को बरी कर दिया। सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया गया क्योंकि मामले के सभी चश्मदीद गवाह और महत्वपूर्ण गवाह इसके खिलाफ गए थे। राय मोहम्मदाबाद निर्वाचन क्षेत्र से विधायक थे, उन्होंने 2002 के विधानसभा चुनाव में अफजल अंसारी को हराया था। 29 नवंबर 2005 को विधायक राय और उनके साथ छह लोगों की हत्या कर दी गई थी|​​ राय के वाहन पर कुछ हमलावरों ने स्वचालित व अन्य हथियारों से अंधाधुंध फायरिंग की।

फर्रुखाबाद से भाजपा​​ विधायक ब्रह्मदत्त द्विवेदी की 10 फरवरी 1997 को हत्या कर दी गई थी|यह घटना उस समय हुई थी जब द्विवेदी जिले के कोतवाली इलाके में एक कार्यक्रम में गए ​हुए ​थे।​ ​कार्यक्रम स्थल से निकलने के बाद वे अपनी कार में बैठे थे कि तभी कुछ हमलावरों ने उन पर गोलियां चला दीं। द्विवेदी के हथियारबंद अंगरक्षक बाइक तिवारी की भी मौत हो गई, जबकि चालक रिंकू गंभीर रूप से घायल हो गया।17 जुलाई 2003 को लखनऊ की एक सीबीआई अदालत ने संजीव माहेश्वरी और समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक विजय सिंह को दत्त की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दोनों ने इस सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की। 2017 में लखनऊ हाईकोर्ट की इलाहाबाद बेंच ने सत्र न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा था।

​दोस्तों आपको बता दें कि ​भाजपा​​ विधायक ब्रह्म दत्त द्विवेदी ने मायावती को गेस्ट हाउस घोटाले से बचाने में मदद की थी|​​ 2 जून 1995 को मायावती ने बसपा-सपा गठबंधन तोड़ने का फैसला किया था|इससे पहले दोनों दल 1993 से एक साथ सत्ता में थे। लेकिन गठबंधन से बाहर होने के कारण समाजवादी पार्टी को सत्ता से दूर होना पड़ा। बताया जाता है कि यह हमला समाजवादी पार्टी ने गुस्से में आकर किया था।समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उस गेस्ट हाउस को घेर लिया जहां मायावती अपने विधायकों के साथ ठहरी हुई थीं। उस वक्त​ भाजपा विधायक ब्रह्म दत्त द्विवेदी ने मायावती को सकुशल बाहर निकालने में मदद की थी|​ ​ उन्होंने इस घटना की जानकारी अटल बिहारी वाजपेयी को भी दी थी|​​ भाजपा​​ ने मायावती को राज्यपाल तक पहुंचाने में मदद की और उन्हें विधायकों का समर्थन दिया|​ ​अगले दिन मायावती ने फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

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